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ताजनगरी का वरिष्ठ लिपिक 11 हजार का रिश्वत लेते गिरफ्तार, एनओसी के लिए मांगी थी रकम - जिला उद्योग इकाई आगरा

आगरा में जिला उद्योग केंन्द्र के सीनियर बाबू को भ्रष्टाचार निवारण संगठन इकाई की आगरा टीम ने 11 हजार का रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया, ये रकम उद्योग इकाई की एनओसी के लिए मांगी गई थी

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रिश्वतखोर बाबू वेदप्रकाश

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Published : Jun 12, 2022, 3:19 PM IST

आगरा ःजनपद में भ्रष्टाचार निवारण संगठन इकाई की आगरा टीम ने जिला उद्योग केंद्र के वरिष्ठ लिपिक को रंगेहाथ रिश्वतखोरी करते हुए गिरफ्तार कर लिया. आरोपी लिपिक ने ये रकम उद्योग इकाई को एनओसी देने की लिए मांगी थी. मामले में लिपिक के खिलाफ थाना एत्माद्दौला में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

निरीक्षक कुशलवीर सिंह ने बताया कि दयालबाग निवासी यशपाल सिंह ने शिकायत दर्ज कराई कि वह बिजली विभाग में सरकारी ठेकेदार हैं. उनके पास बिजली व्यवसायी कनेक्शन की फाइल तैयार कराते हैं. वह अपनी रिपोर्ट लगाकर पत्रावली को जिला उद्योग केंद्र भेजते हैं. उनकी रिपोर्ट पर विद्युत सुरक्षा निदेशालय, कमला नगर से एनओसी मिलती है. इसके बाद व्यवसायी को पत्रावली वापस की जाती है.

यशपाल सिंह ने शिकायत दर्ज कराई कि मेसर्स दीपक इंजीनियरिंग वर्क्स, फाउंड्री नगर की पत्रावली को तीन जून को जिला उद्योग केंद्र भेजा गया था. जिसमें केंद्र के वरिष्ठ लिपिक वेदप्रकाश ने एनओसी देने के लिए 15 हजार रुपये की मांग की. लेकिन उनकी बात किसी तरह 11 हजार रुपये में बनी. वह रिश्वत नहीं देना चाहता थे. इसके लिए कार्रवाई के लिए कहा. उन्होंने शुक्रवार को एनओसी देने की बात कही है. पीड़ित की शिकायत पर गोपनीय जांच कराई गई. इसमें आरोप सही पाए गए.

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अधिकारियों से आदेश लेने के बाद एक टीम बनाई गई, जिसके बाद शिकायतकर्ता यशपाल सिंह ने लिपिक से बात कर विभाग से एनओसी प्राप्त करने पहुंच गए. जहां टीम पहले से मौजूद थी. एनओसी के लिए में 11 हजार रुपये के नोटों पर लगे फिलैंथीन पाउडर लगी रकम जैसे ही शिकायतकर्ता ने लिपिक को दी. तभी भ्रष्टाचार निवारण टीम ने बाबू को रंगेहाथ रिश्वतखोरी के साथ दबोच लिया.

भ्रष्टाचार निवारण टीम ने शिकायतकर्ता और रिश्वतखोर बाबू के हाथ को सोडियम कार्बोनेट से धुलवाए गए. जिसका रंग बदलकर गुलाबी हो गया. जिसे सुरक्षित एक शीशी में रख लिया गया. भ्रष्टाचार निवारण संगठन टीम के अनुसार जिला उद्योग केंद्र में हर काम के रेट पहले से ही तय होते हैं. इस कार्रवाई के बाद पूरे विभाग में हड़कंप मच गया.

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