आगराः ताजनगरी में कोरोना एक बार फिर अप्रैल माह जैसी रफ्तार पकड़ रहा है. जिले में संक्रमितों की संख्या साढ़े पांच हजार के करीब पहुंच गई है. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग अब कोविड मरीजों के होम आइसोलेशन पर जोर दे रहा है. ऐसे में कोरोना संक्रमण की तेज रफ्तार और होम आइसोलेशन में जरूरी चिकित्सकीय साजो-सामान की डिमांड सात से आठ गुना बढ़ गई है. जिसके बाद अब इन सामानों की कीमत भी आसमान छू रही है.
कोरोना की रफ्तार के बीच मेडिकल आइटम्स के बढ़े दाम. कोरोना से पहले चिकित्सा उपकरण की डिमांड कम थी. मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग न के बराबर था. कोरोना संक्रमण ने आगरा में मार्च माह में दस्तक दी. जिसके बाद मास्क और सैनिटाइजर की डिमांड बढ़ गई. लॉकडाउन में मास्क, सैनिटाइजर और अन्य मेडिकल इक्युपमेंट्स डिजिटल थर्मामीटर, पल्स आक्सीमीटर, बीपी इंस्ट्रूमेंट, इंफ्रारेड थर्मामीटर की कीमत बढ़ने के साथ कालाबाजारी शुरू हो गई. हालांकि, अनलॉक शुरू होने के बाद से मास्क, सैनिटाइजर और तमाम मेडिकल इक्युपमेंट्स की कीमत कमी दर्ज की गई.
उधर, कोरोना संक्रमण बढ़ने से लोग घबराए हुए हैं. होम आइसोलेशन के लिए लोग थर्मामीटर और पल्स ऑक्सीमीटर भी खूब खरीद रहे हैं. मेडिकल आइटम विक्रेताओं की मानें तो जिले में प्रतिदिन पांच से छह हजार डिजिटल थर्मामीटर और करीब चार हजार पल्स ऑक्सीमीटर बिक रहे हैं. बीते 15 दिन में पल्स ऑक्सीमीटर और डिजिटल थर्मामीटर की डिमांड आठ गुना तक बढ़ गई है.
आइवरमेक्टिन और मल्टीविटामिन टेबलेट की सेल ज्यादा
आगरा फार्मा एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी पुनीत कालरा का कहना है कि, कोरोना संक्रमण से आइवरमेक्टिन टेबलेट, मल्टीविटामिन कैप्सूल-टैबलेट और अन्य कोरोना के उपचार में होने वाली दवाओं की कीमत बढ़ी है. लेकिन, अन्य दवाइयों का कारोबार बिल्कुल बैठ गया है. इसकी वजह यह है कि डॉक्टर्स ओपीडी में बहुत कम मरीजों को देख रहे हैं. ऑपरेशन भी नहीं हो रहे हैं. इसका असर दवा कारोबार पर पड़ रहा है.
थाईलैण्ड से कम आ रहा सर्जिकल आइटम
सर्जिकल आइटम के थोक विक्रेता अमित बंसल का कहना है कि, लॉकडाउन से पहले ग्लव्स की थोक बाजार में कीमत 1.20 -1.35 रुपए थी, अब ग्लव्स की कीमत बढ़कर 4.15 पैसे हो गया है. यह ग्लव्स मलेशिया और थाईलैंड से आता था. अब कोरोना संक्रमण की वजह से वहां पर डिमांड बढ़ी तो अब यहां पर उसकी आपूर्ति कम हो गई है.
दो गुना से ज्यादा हो गए दाम
सर्जिकल आइटम के थोक विक्रेता का कहना है कि, डिजिटल थर्मामीटर की लॉकडाउन से पहले कीमत 40 रुपये थी. मगर, कोरोना संक्रमण के चलते अब इसकी कीमत 95 रुपये हो गई है. इसकी डिमांड बढ़ी है. इसके साथ ही डिजिटल थर्मामीटर की कीमत भी बढ़ी है. एंटीसेप्टिक की डिमांड और कीमत बढ़ी. सर्जिकल आइटम के थोक विक्रेता मनमोहन सिंह का कहना है, कि कोरोना संक्रमण के चलते डिजिटल थर्मामीटर के रेट बढ़े हैं. ग्लव्स के रेट बढ़े हैं. इसके साथ ही सभी एंटीसेप्टिक की भी कीमत में 10% का इजाफा हुआ है. आगरा में डिजिटल थर्मामीटर और ग्लव्ज की डिमांड के मुताबिक, आपूर्ति नहीं हो रही है.
सर्जिकल आइटम्स की रेट की बात करें तो लॉकडाउन से पहले ग्लव्ज का मूल्य 2 रुपए था, जो अनलॉक के बाद 4.75 पैसा हो गया. वहीं थर्मामीटर 30 रुपये में उपलब्ध था जो अब 95 रुपये का मिल रहा है. इसके अलॉवा वेपोराइजर की बात करें तो इसकी कीमत पहले 150 रुपये थी जो अब बढ़कर 225 रुपये हो गई है.