आगरा: मोहब्बत की निशानी ताज महल की बुनियाद के लिए संजीवनी बनने वाले रबर डैम की राह की पांच बाधाएं पार हो चुकी हैं. अब एक बाधा दो महज कदम दूर है. जिसे पूरी करने में यूपी सरकार और सिंचाई विभाग लगा है. सिर्फ एनएमसीजी की एनओसी मिलना बाकी है. रबर डैम बनने से हर मौसम में यमुना में तय सीमा में पानी रहेगा. जिससे ताज महल की नींव को मजबूती मिलेगी. इसके साथ ही आगरा का भूगर्भ जलस्तर भी बढ़ेगा. बता दें कि, आगरा में गर्मी के मौसम में यमुना का जलस्तर बेहद कम हो जाता है. कालिंदी सूख जाती है और एक नाले के रूप में बहती है. इसलिए, आगरा में 35 साल पहले बैराज की मांग हुई थी. जो अब रबर डैम पर आकर रुक गई है.
340 मीटर लंबा होगा रबर डैम:ताज महल से 1.5 किलोमीटर दूर डाउन स्ट्रीम में यमुना पर गांव नगला पेमा में 340 मीटर लंबा रबर डैम बनेगा. जिसका बजट 350 करोड़ रुपये है. इसका शिलान्यास भी हो चुका है. 6 विभाग की एनओसी नहीं मिलने से रबर डैम बनाए जाने का काम अटक गया है. अब विभाग को एनओसी मिल गई है.
बैराज का दो बार हुआ था शिलान्यास:आगरा में दम तोड़ती यमुना और गिरते भूजल स्तर को लेकर बैराज निर्माण की मांग उठी तो सन् 1986-87 में पहली बार तत्कालीन सीएम नारायण दत्त तिवारी ने गांव मनोहरपुर में आगरा बैराज का शिलान्यास किया था. उस समय इसकी लागत डेढ़ करोड़ रुपये थी. फिर 1993 में तत्कालीन राज्यपाल रमेश भंडारी ने मनोहरपुर में ही आगरा बैराज निर्माण के नाम का नारियल फोड़ा और शिलान्यास किया. खैर, 35 साल बीत गए, लेकिन आगरा बैराज नहीं बना. जबकि, इस बीच कई मुख्यमंत्री बदल गए.
2017 में सीएम योगी ने किया था रबर डैम का शिलान्यास:2016 में ताजमहल के पास यमुना के डाउन स्ट्रीम में स्थित नगला पेमा में रबर डैम की योजना अस्तित्व में आई. सिंचाई विभाग ने 350 करोड़ रुपये की लागत से रबर डैम का प्रस्ताव तैयार किया था. फिर, अक्टूबर-2017 में सीएम योगी ने रबर डैम का शिलान्यास किया. लेकिन, 6 साल में एनओसी नहीं मिलने से रबर डैम का निर्माण कार्य अटका है.
इन विभाग से मिली एनओसी:ताज के पास रबर डैम बनाने की जिम्मेदारी सिंचाई विभाग के ताज बैराज खंड की है. रबर डैम निमार्ण के लिए केंद्रीय जल आयोग, अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई), नेशनल एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी), स्टेट इन्वायरमेंट इंपेक्ट असेस्टमेंट अथॉरिटी (सिआ) की एनओसी मिल गई. नीरी ने एनवायरमेंट क्लीयरेंस कंप्लायंस रिव्यू कमेटी गठित कराई है. जिसके तहत रबर डैम बनाने में 10 से 20 तक प्रदूषण तय किया गया है.