आगरा: ताजनगरी की सुप्रसिद्ध रामलीला कमेटी पर श्री मनकामेश्वर मठ के प्रशासक हरिहर पुरी द्वारा मंटोला थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया है. इस पर कमेटी के पदाधिकारियों ने रामलीला कराने से इनकार कर दिया है. रामलीला कमेटी पदाधिकारियों का कहना है कि यदि इसी तरह हमपर एक के बाद एक झूठे मुकदमे लगते रहे तो वर्षों से कराते आ रहे उत्तर भारत की ऐतिहासिक राम बारात (ram barat) को राम लीला कमेटी नहीं कराएगी.
आगरा की ऐतिहासिक राम बारात का आयोजन कई सालों से उत्तर भारत में होता रहा है. उत्तर भारत की सबसे ऐतिहासिक राम बारात का आयोजन मनकामेश्वर मंदिर से निकाली जाती है. मनकामेश्वर की बारादरी में ही राम, सीता, लक्ष्मण के स्वरूपों को सजाया जाता है. 2013 से ही मनकामेश्वर मठ की बारादरी में बने कमरों का विवाद चलता आ रहा है. तब मनकामेश्वर मठ के प्रशासक हरिहर पुरी द्वारा डकैती का मुकदमा रामलीला कमेटी के लोगों पर लगाया गया था, जो अब तक चला आ रहा है.
दरअसल, रामलीला कमेटी के लोग कहते हैं कि मनकामेश्वर मठ बारादरी में बने कमरे उनके हक में हैं, जबकि मठ के प्रशासक हरिहर पुरी इस बात का दावा करते हैं कि बारादरी मठ के कमरे मंदिर की संपत्ति में आते हैं. इसको लेकर कुछ दिन पहले ही मनकामेश्वर मठ के प्रशासक हरिहर पुरी ने मंटोला थाने में कमेटी के लोगों पर 420 धोखाधड़ी के मामले में मुकदमा दर्ज कराया.
राम बारात बंद करने का एलान
रामलीला कमेटी के महामंत्री भगवान अग्रवाल, मंत्री राजीव कुमार अग्रवाल, कोषाध्यक्ष अतुल बंसल और अन्य लोगों पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज होने पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एलान किया कि यदि इसी तरह कमेटी पर एक के बाद एक झूठे मुकदमे लगते रहे तो 100 सालों से कराते आ रहे राम बारात का आयोजन बंद कर दिया जाएगा.