आगरा:राजस्थान में अतिक्रमण को लेकर मंदिर तोड़े जाने की घटना ने राजनीतिक रंग ले लिया है. इसको लेकर कांग्नेस और बीजेपी के बीच धार्मिक स्थलों को लेकर सियासत तेज हो गई है. इस घटना के बाद आगरा में रेलवे के प्रशासनिक अधिकारियों ने राजा मंडी के प्लेटफार्म नंबर एक के पास स्थित 400 साल पुराने चामुंडा मंदिर को हटाने के लिए नोटिस चस्पा कर दिया है.
नोटिस में लिखा है कि मंदिर द्वारा रेलवे की जगह का अतिक्रमण किया गया है. 10 दिन के अंदर मंदिर को कहीं और शिफ्ट करने की बात कही जा रही है. ऐसे में भक्तों ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि रेलवे को मंदिर अतिक्रमण के रूप में दिखाई दे रहा है तो कुछ दूरी पर मजार और मस्जिद है, वहां पर नोटिस चस्पा क्यों नहीं किया गया? आखिर हर बार रेलवे को मंदिर ही क्यों अतिक्रमण के रूप में दिखाई देता है.
रेलवे द्वारा 12 अप्रैल 2022 को 400 साल पुराने चामुंडा देवी मंदिर पर नोटिस लगाया गया था. इसमें साफ तौर पर लिखा गया था कि 10 दिन के अंदर इस मंदिर को स्थानांतरित किया जाए, क्योंकि राजा मंडी प्लेटफार्म नंबर एक पर बने चामुंडा देवी मंदिर का भाग प्लेटफार्म पर आ रहा है. इससे रेल यात्रियों को असुविधा हो रही है. साथ ही यह रेल आवागमन के लिए भी असुरक्षित है. आगरा में शिव मंदिर जितने पौराणिक हैं, उतने ही माता रानी के भी मंदिर पौराणिक हैं. इसी में से एक है चामुंडा देवी मंदिर. मंदिर के महंत सुरेंद्र गिरि बताते हैं कि यह मंदिर 400 साल पुराना है. उनसे पहले जो साधु-संत थे, वे भी पूजा करते आ रहे थे. मंदिर में लोगों की आस्था है. दूर-दूर से लोग इस मंदिर में मन्नत मांगने आते हैं.