आगरा:कोरोना संक्रमण के चलते बीते 2 सालों से बंद आगरा रेलवे की ऐतिहासिक रामलीला को प्रशासन ने इस वर्ष हरी झंडी दिखा दी है. इस कारण 9 अक्टूबर से प्रारंभ होने वाली रामलीला को लेकर अब रेलवे कर्मचारी अभ्यास में जुट गए हैं. प्रतिदिन रामायण के काव्यपाठ के साथ रेलवे कर्मचारी रामायण के अनेक किरदारों में जान फूंक रहे हैं.
आगरा कैंट रेलवे की ऐतिहासिक रामलीला इस वर्ष अपने 49 वर्ष पूरे करने जा रही है. बीते 48 वर्षों से रेलवे के तमाम कर्मचारी भगवान श्रीराम के आदर्श जीवन को अपनी कला के माध्यम से मंच पर चरितार्थ कर रहे हैं. कोविड-19 संक्रमण के कारण उत्तर प्रदेश सरकार ने बीते 2 वर्षों से सभी धार्मिक कार्यक्रमों पर पाबंदी लगा रखी थी, लेकिन इस वर्ष रामभक्तों की आस्था को देखते हुए सूबे की योगी सरकार ने रामलीला के मंचन की स्वीकृति दे दी.
अभ्यास करते रेलवे कर्मचारी स्वीकृति मिलने से रामलीला आयोजकों में खुशी की लहर है. इसके चलते आगरा कैंट रेलवे ग्राउंड पर होने वाली रामलीला को लेकर रेलवे कर्मचारियों ने कमर कस ली है. दिन में भारतीय रेल को सेवा देने के बाद कर्मचारी भगवान श्रीराम के आदर्शों को जीवंत करने के लिए रोज रामायण के अनेक किरदारों को मंच पर अपनी आवाज दे रहे हैं. जिन्हें देखने के लिए हर रोज लोगों की भीड़ जुट रही है. वहीं सैकड़ों रेलवे कर्मचारी रामलीला में विभिन्न किरदारों को जीवंत करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. आगरा कैंट रेलवे की प्रसिद्ध रामलीला में भगवान श्रीराम का किरदार विनोद मौर्या निभा रहे हैं. वहीं, मायावी कुम्भकर्ण का किरदार अविनाश बघेल और सीता की मुख्य भूमिका में ललित शर्मा नजर आएंगे. आगामी 9 अक्टूबर से रेलवे ग्राउंड पर रामलीला का मंचन शुरू होगा जो दशहरा तक चलेगी. इस दौरान 9 अक्टूबर से रामायण के पवित्र आत्मीय कथाओं को रामलीला के माध्यम से लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा.मंच निर्देशक राकेश कन्नौजिया का कहना है कि इस वर्ष हम रामलीला मंचन की स्वीकृति मिलने से काफी उत्साहित हैं. रेलवे के तमाम कर्मचारी हर रोज तय समय से रामलीला की रिहर्सल के लिए पहुंच जाते हैं और किरदारों को जीवंत करने के लिए खून पसीना बहा रहे हैं. रामलीला में बच्चों से लेकर बुजुर्ग ओर महिलाएं भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं. जिन्हें मंच पर देखने के लिए रेलवे कर्मचारियों के हजारों परिवार और आम जनता बीते 2 वर्षों से इंतजार कर रही है.