आगरा :पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए आगरा के कौशल कुमार रावत की पत्नी ममता रावत परिवार समेत अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठी हैं. परिवार शहीद की प्रतिमा स्थल पर धरने पर बैठा है. उधर, शहीद की पत्नी ममता रावत और परिवार के धरना को लेकर राजनीति शुरू हो गई है.
धरना पर बैठा पुलवामा शहीद का परिवार सपा महानगर अध्यक्ष चैधरी वाजिद निसार समर्थकों के साथ शुक्रवार दोपहर धरना स्थल पर शहीद के परिवार से मिले. उन्होंने यूपी सरकार पर निशाना साधा. कहा कि समाजवादी पार्टी आपके साथ है. हम आपकी लड़ाई लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम डाॅ. दिनेश शर्मा आगरा आते हैं. दो दिन रहते हैं. शहीद परिवार के धरना स्थल से थोड़ी दूरी पर भाजपा जिलाध्यक्ष से मिलकर चले जाते हैं. मगर, शहीद परिवार की पीड़ा जानने नहीं आते. यह विडंबना है.
धरना पर बैठा पुलवामा शहीद का परिवार बता दें कि शहीद कौशल कुमार रावत की पत्नी ममता रावत अपने बेटा अभिषेक रावत, बेटी और परिजनों के साथ गुरुवार से गांव कहरई स्थित शहीद कौशल कुमार रावत की प्रतिमा स्थल पर धरने पर बैठी हैं. ममता रावत का आरोप है कि जिला प्रशासन की वादा खिलाफी से परेशान होकर उन्हें धरने पर बैठना पड़ा है. आरोप लगाया कि एक साल से ज्यादा समय से शहीद कौशल कुमार रावत की प्रतिमा का अनावरण नहीं हुआ है.
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स्कूल और गांव की सड़क का नामकरण भी शहीद के नाम पर करने का वादा भी अभी अधूरा है. सीएम योगी से गुहार लगाने के बाद शिक्षा विभाग की ओर से एक दिन का वेतन से जमा हुई 66.57 लाख भी नहीं मिले हैं.
धरना पर बैठा पुलवामा शहीद का परिवार कहा कि गुरुवार को एसडीएम और अन्य अधिकारी आए थे. उन्हें अपनी मांगें बता दीं थीं. शुक्रवार को भी जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारी आए. कहा कि सर्किट हाउस में मिलने के लिए डिप्टी सीएम डाॅ. दिनेश शर्मा बुला रहे हैं. आप चलें. इसे लेकर उन्होंने इनकार कर दिया. कहा कि जब वोट मांगने के लिए नेता घर आते हैं तो एक शहीद के स्थल पर परिवार से मिलने डिप्टी सीएम क्यों नहीं आ सकते. हालांकि वह यहां नहीं आए.
धरना पर बैठा पुलवामा शहीद का परिवार इसी बीच सपा के आगरा महानगर अध्यक्ष चैधरी वाजिद निसार समर्थकों के साथ गांव कहरई पहुंचे. सपाई शहीद स्मारक पर धरने पर बैठे शहीद कौशल कुमार रावत के परिवार से मिले. चैधरी वाजिद निसार ने बताया कि शहीद की पत्नी और परिजनों से बात की है. उनकी मांग जानी हैं. शहीद परिवार की हर संभव मदद करने की बात कही.
कहा कि सपा मुखिया पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर आए हैं. सपा मुखिया राष्ट्रीय स्तर पर शहीद परिवार की मदद करने का काम करेंगे. यहां पर वे लोग हर संभव मदद करेंगे. कहा कि विडंबना है कि शहीदों के सम्मान करने का दावा करने वाली भाजपा सरकार में शहीद परिवार धरने पर बैठा है. आगरा के होने पर भी डिप्टी सीएम या अन्य मंत्री परिवार से मिलने तक नहीं आते हैं.
ताजगंज थाना के गांव कहरई निवासी कौशल कुमार रावत सीआरपीएफ में तैनात थे. उनकी तैनाती सीआरपीएफ की सिलीगुडी में बटालियन नंबर 115 में थी. मगर उनका स्थानांतरण सीआरपीएफ की बटालियन में किया गया. 14 फरवरी 2019 को कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ के वाहनों पर आतंकी हमला किया जिसमें कौशल कुमार समेत सीआरपीएफ के कई जवान शहीद हो गए थे.
शहीद कौशल कुमार रावत की पत्नी ममता रावत का कहना है कि बेसिक शिक्षा विभाग ने शहीद के परिवार की आर्थिक मदद के लिए अपना एक दिन का वेतन दिया था. यह रकम 66.57 लाख है. शिक्षकों के वेतन की धनराशि अभी तक नहीं मिली है. यह धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोस में जमा है. इस रकम के लिए वह और उनका परिवार अब तक आगरा और लखनऊ के बीच चक्कर काट रहे हैं. इसलिए आज जिला प्रशासन की वादा खिलाफी से परेशान होकर परिवार समेत शहीद पति की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठी हैं.