आगरा :सीएम योगी की 'एक जिला, एक उत्पाद' (ODOP) योजना से जुड़कर आगरा सेंट्रल जेल के सजायाफ्ता बंदी हुनरमंद बन गए हैं. बीते साल सेंट्रल फुटवियर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट आगरा (CFTI) ने कैदियों को लेदर शूज मेकिंग की ट्रेनिंग दी थी. अब कैदी आकर्षक जूते बना रहे हैं. कैदी जूते के ऊपर वाला हिस्सा तैयार करते हैं. इसके बाद इन्हें फैक्ट्री में ले जाया जाता है. वहां जूते में सोल लगाकर इन्हें पूरी तरह तैयार कर दिया जाता है. जूते तैयार कर कैदी अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं. अब जेल में बंद दूसरे कैदी भी ट्रेनिंग लेने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. इसे देखते हुए जेल प्रशासन की ओर से अब जेल परिसर में शूज का कुटीर उद्योग लगाने की योजना बनाई गई है. इसका संचालन जेल के कैदी ही करेंगे.
जेल डीआईजी आरके मिश्र बताते हैं कि बीते साल आगरा सेंट्रल जेल प्रशासन और सेंट्रल फुटवियर ट्रेंनिंग इंस्टीट्यूट आगरा (CFTI) ने मिलकर सीएम योगी की 'एक जिला, एक उत्पाद' योजना के तहत सजायाफ्ता बंदियों को 'लेदर शूज और अन्य लेदर प्रोडक्ट' बनाने की ट्रेनिंग दी थी, तब 50 बंदियों को शूज मेकिंग की ट्रेनिंग ली थी. प्रशिक्षण के बाद उन्हें सर्टिफिकेट भी दिए गए थे. शूज मेकिंग में हुनरबंद हुए बंदी अब जेल परिसर में रोजगार पा चुके हैं. आगरा सेंट्रल जेल के साथ एक फर्म का एमओयू हुआ है. इसके तहत फर्म की ओर से शूज का अपर (ऊपरी हिस्सा) बनाने के लिए जेल प्रशासन को कच्चा माल दिया जाता है. शूज का अपर बनाकर बंदी रोजगार पा रहे हैं. इससे दूसरे बंदी भी अब शूज मेकिंग की ट्रेनिंग लेना चाहते हैं. इसलिए, हुनरमंद बंदियों के सहयोग के लिए सेकेंड लाइन भी तैयार की जा रही है.
फर्नीचर, साबुन और कालीन बनाने में निपुण हैं बंदी :बता दें कि, सेंट्रल जेल में बंदी लूट, डकैती, हत्या, हत्या का प्रयास समेत अन्य जघन्य अपराध में सजा काट रहे हैं. आगरा सेंट्रल जेल प्रशासन की ओर से बंदियों को तमाम तरह की ट्रेनिंग दिला कर हुनरमंद बनाया गया है. यही वजह है कि, सेंट्रल जेल के कैदी फर्नीचर बनाने, साबुन बनाने, कालीन बनाने, दरी बनाने, सिलाई समेत अन्य तमाम तरह के कार्य में निपुण हो चुके हैं. इसी हुनर के जरिए वे अच्छी रकम भी कर रहे हैं.