आगरा: मोहब्बत की निशानी ताजमहल दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारत है. मुगल बादशाह शाहजहां ने शायद इसलिए कालिंदी (यमुना) किनारे ताजमहल का निर्माण कराया था. सोचा होगा कल-कल करती कालिंदी से ताजमहल की नींव को मजबूती मिलेगी और उसकी खूबसूरती में भी चार चांद लगेंगे.
कालिंदी आगरा में दम तोड़ रही है. कलयुग में नाले कालिंदी को जहरीला बना रहे हैं. इन नालों का 175 एमएलडी 'जहर' यमुना में गिर रहा है. ईटीवी भारत ने शहर के आठ बड़े नालों की हकीकत जानी, जो जुलाई 2019 में यूपीपीसीबी की रिपोर्ट में बयान की गई थी. यूपीपीसीबी की रिपोर्ट के मुताबिक शहर में छोटे-बड़े 90 नाले हैं. इनमें 29 नाले टेप हैं और बाकी के 61 नाले सीधे यमुना में गिरते हैं. इन सभी नालों से हर दिन 17.50 करोड़ लीटर (175 एमएलडी) सीवर सीधा यमुना में गिरता है.
मेहताब बाग के पास स्थित गांव कछपुरा निवासी किसान अशोक ने बताया कि पहले यमुना का पानी शुद्ध था. हम जब अपने खेतों पर आते थे, प्यास लगने पर यमुना का पानी ही पी लेते थे, लेकिन अब उसमें मुंह देने की बात दूर हाथ भी नहीं धोते हैं. क्योंकि अब यमुना में शहर के नालों का पानी आता है, जो जहरीला है.
ये हैं वो 7 नाले जो घोल रहे जहर
1. ताज पूर्वी नाला
ताजगंज क्षेत्र से निकलने वाला यह नाला ताजमहल के पूर्वी गेट मोड़ पर सीधा यमुना में गिरता है.
'केमिकल का आंकड़ा'
पीएच - 6.81
बीओडी - 70 मिलीग्राम प्रति लीटर
सीओडी....... 442 मिलीग्राम प्रति लीटर
टीएसएस - 290 मिलीग्राम प्रति लीटर
टोटल कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया - 35 लाख (एमपीएन/100 एमएल)
2. मंटोला नाला
शहर के कई इलाकों से होते हुए मंटोला होकर मोक्ष धाम के सामने यमुना में गिरता है.
पीएच - 7.81
बीओडी - 135मिलीग्राम प्रति लीटर
सीओडी - 826 मिलीग्राम प्रति लीटर
टीएसएस - 470 मिलीग्राम प्रति लीटर
टोटल कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया - 2.40 करोड़ (एमपीएन/100 एमएल)