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सिपाही हत्याकांड: दो IPS सहित पांच टीमें, 36 घंटे बाद भी हाथ नहीं आए हत्यारे

आगरा में सिपाही सोनू चौधरी हत्याकांड में दूसरे दिन भी पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा. दो आईपीएस और पांच टीमें जांच में जुटी हैं. इसके बावजूद न तो खनन माफिया का पता चला न उसके गुर्गों का. वारदात के समय और भी पुलिसकर्मी मौजूद थे, इसके बावजूद हत्यारोपियों के स्केच तक तैयार नहीं कराए जा सके.

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Published : Nov 10, 2020, 8:14 AM IST

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सिपाही हत्याकांड के आरोपियों का नहीं मिला सुराग.

आगरा : जनपद के खेरागढ़ थाना क्षेत्र में रविवार की सुबह सिपाही सोनू चौधरी की खनन माफियाओं ने ट्रैक्टर से कुचल कर हत्या कर दी थी. घटना के बाद पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी करने के लिए ताबड़तोड़ दबिश दे रही है. सिपाही के हत्यारों को पकड़ने के लिए आगरा पुलिस ने दो आईपीएस के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच, स्वाट टीम समेत पांच अलग-अलग टीमें गठित कर यूपी, राजस्थान और एमपी के समीपवर्ती गांवों में आरोपियों को तलाश कर रही है.

आईजी ने घटनास्थल का किया निरीक्षण

सोमवार दोपहर को आईजी ए सतीश गणेश ने घटनास्थल का निरीक्षण भी किया. इस दौरान एसपी पश्चिम रवि कुमार को आरोपियों की गिरफ्तारी तक कैंप करने के लिए निर्देश दिए. आईजी ने घटनास्थल का मौका मुआयना करते हुए देखा कि अवैध खनन किन रास्तों से होकर निकलता है. इसके अलावा ग्रामीणों से बात भी हुई. आईजी ने बताया कि अवैध खनन के वाहन कब और कहां से आते हैं, इसकी जानकारी स्थानीय थाना पुलिस को होनी चाहिए. इस संबंध में एसएसपी को निर्देशित करके जांच कराई जाएगी, लापरवाही मिलने पर कार्रवाई की जाएगी. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए आईजी भरतपुर संजीव और एसपी धौलपुर से फोन पर बात की. साथ ही एक विशेष टीम का गठन किया गया.

एसपी पश्चिम का ऑपरेशनल हेड क्वार्टर खेरागढ़ ही होगा, वही कैंप करेंगे. आईजी ने निर्देशित किया कि जिन रास्तों से अवैध खनन के वाहन आते हैं, उनको चिन्हित किया जाए इसके बाद उनका रूट मैप तैयार किया जाए. पुलिस की टीम एक साथ रास्तों पर कार्रवाई करेगी. वाहनों को किसी कीमत पर आने नहीं दिया जाएगा. एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद के नेतृत्व में एक टीम ने धौलपुर के गांव में डेरा डाल दिया है. राजस्थान की पुलिस की मदद से आरोपियों को चिन्हित किया जा रहा है.

मृतक सिपाही सोनू चौधरी.

2 आईपीएस अधिकारी जांच टीम में शामिल

आगरा में सिपाही सोनू चौधरी हत्याकांड में दूसरे दिन भी पुलिस अंधेरे में तीर चलाते रही. हत्यारोपियों को गिरफ्तार करने के लिए 5 टीमें और 2 आईपीएस अधिकारी एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद और एसपी पश्चिम रवि कुमार लगे हैं. इसके बावजूद न तो खनन माफिया का पता चला न उसके गुर्गों का. इतनी जानकारी तक नहीं हो पाई कि हत्यारोपी खेरागढ़ और सैया के किसी गांव के हैं या फिर राजस्थान के धौलपुर क्षेत्र के. वारदात के समय और भी पुलिस कर्मी मौजूद थे, इसके बावजूद हत्यारोपियों के स्केच तक तैयार नहीं कराए जा सके. यह हाल तब है, जब बालू की ट्रैक्टर-ट्रॉली रोकने पर पुलिस पर हमले भी हो चुके हैं. इसके बावजूद क्षेत्र के माफिया की कोई सूची पुलिस ने तैयार नहीं की.

खेरागढ़ के गांव सोनकी बड़ा नगला में रविवार तड़के 4:00 बजे सिपाही सोनी चौधरी की हत्या कर दी गई थी. सोनू ने अवैध बालू खनन कर ले जा रहे, लोगों को पकड़ने की कोशिश की थी. उन्होंने सोनू पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया था. हालांकि उस दौरान अन्य पुलिसकर्मी मौजूद थे. इसके बावजूद भी हत्यारोपियों की पहचान नहीं हो पाई.

दारोगा निशामक त्यागी को पिछले साल मारी गई थी गोली

पिछले साल 4 नवंबर को दारोगा निशामक त्यागी को गोली मारी थी, घटना सतपुरा पीपल में हुई थी. जैसे सोनू चौधरी ने रेत लदी ट्रैक्टर-ट्रॉली को रोकने की कोशिश की वैसे ही दारोगा निशामक त्यागी ने किया था. ट्रैक्टर-ट्रॉली रोकते ही रेत लेकर जा रहे लोगों ने उन्हें गोली मार दी थी. इसके बावजूद पुलिस ने ऐसा कोई अभियान नहीं चलाया, जिससे अवैध खनन करने वाले लोग पकड़े जाएं.

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