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आगरा: दो साल में दो करोड़ की ठगी, सरगना सहित चार गिरफ्तार

यूपी के आगरा में पुलिस ने चार शातिर साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है, जो माल ट्रांसपोर्ट के माध्यम से ठगी का काम करते थे. इनके गिरोह का एक सदस्य अभी फरार है, पुलिस उसकी तलाश में है. एसएसपी आगरा बबलू कुमार के मुताबिक यह गिरोह माल ट्रांसपोर्ट से दूसरे शहरों में भेजने के नाम पर ठगी करता था. इनसे पूछताछ की जा रही है.

चार साइबर ठग गिरफ्तार.
चार साइबर ठग गिरफ्तार.

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Published : Sep 14, 2020, 10:40 AM IST

आगरा: जिले में पुलिस ने रविवार को ट्रांसपोर्ट से माल दूसरे शहरों को भेजने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा किया है. पुलिस ने गिरोह के खिलाफ कार्रवाई करते हुए गिरोह के सरगना सहित चार ठगों को गिरफ्तार किया है. ये लोग ई-ट्रक और जस्ट डायल के फर्जी नाम से फर्म का पंजीकण करते थे. फिर बुकिंग के नाम पर कारोबारियों से एडवांस में रुपये लेकर मोबाइल नंबर बंद कर लेते थे. एसएसपी बबलू कुमार ने इस मामले में पुलिसिया कार्रवाई के बारे में बताते हुए कहा कि इन लोगों का गिरोह दो साल में दो करोड़ से ज्यादा की ठगी कर चुका है.

जानकारी देते एसएसपी बबलू कुमार.
एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि, ट्रांसपोर्ट से माल भाड़े पर भेजने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह को एत्मादउद्दौला पुलिस ने पकड़ा है. गिरिराज शर्मा और प्रवीन अग्रवाल ने शिकायत की थी. गिरिराज शर्मा से लॉकडाउन में जस्ट डायल नाम वाली ठग कम्पनी से 50 हजार रुपये में महाराष्ट्र से प्याज मंगवाने का सौदा हुआ था. ठगी करने के बाद गिरोह गायब हो गया था. वहीं, प्रवीन अग्रवाल से इस कंपनी ने 12 हजार रुपये की ठगी की थी. प्रवीन का मुरैना से अलीगढ़ सरिया लाने का सौदा हुआ था. गिरोह का सरगना सहित चार गिरफ्तारएसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि ठगी के गिरोह का सरगना अंकुश तोमर निवासी चंदननगर ( एत्मादउद्दौला ) है. अंकुश तोमर के साथ ही रामावतार निवासी बाईंपुर (सिकंदरा), नीरज उर्फ नन्हे निवासी किरावली और बबलू निवासी श्यामनगर (एत्मादउद्दौला) गिरफ्तार किए गए हैं. ठग गिरोह का एक अन्य सदस्य मयंक गौतम निवासी कालिंदी विहार (एत्मादउद्दौला) फरार है. उसकी तलाश की जा रही है. 2 साल में यह ग्रुप 2 करोड़ से ज्यादा की ठगी कर चुका है. गिरफ्तार सरगना और उसके साथियों से पूछताछ की जा रही है. ट्रांसपोर्टर से बन गया ठगठग गिरोह का सरगना अंकुश तोमर पहले ट्रांसपोर्ट कंपनी चलाता था. उसने ऑनलाइन कम्पनी का पंजीकरण करके ठगी करना शुरू किया. अंकुश के गिरोह में ट्रक चालक रामावतार शामिल हुआ. वह किराए पर अपना बैंक खाता देता था, जिसमें ठगी की रकम आती थी. इसके एवज में रामावतार को दस हजार रुपये मिलते थे. फिर गिरोह सस्ते दामों पर माल पहुंचाने के नाम पर ठगी करने लगे. आगरा पुलिस ने अगस्त में इस गिरोह के चार ठग गिरफ्तार कर जेल भेजे थे. यहां माल भेजने के नाम पर ठगीयह गिरोह केरल, आंध्र प्रदेश, मुंबई, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, यूपी, एमपी, तमिलनाडु को माल भेजने के नाम पर ठगी कर रहा था. बरामदगी शून्य, आरोपियों की लाइफ लग्जरीऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह के 8 सदस्य अब तक गिरफ्तार करके जेल भेजे गए हैं. मगर बरामदगी के नाम पर एक भी रुपया पुलिस के हाथ नहीं लगा है जबकि गिरोह के सरगना आकाश तोमर के साथ अन्य तमाम सदस्यों के तीन मंजिला घर बने हुए हैं. उनके पास लग्जरी गाड़ियां हैं‌. पुलिस की छानबीन में यह भी सामने आया है कि ठगों ने गाड़ियां अपने रिश्तेदारों के नाम से खरीदी हैं.

पुलिस की गिरफ्त में आया ठग गिरोह एक कम्पनी की तरह काम करता था. हर सदस्य का काम बंटा था. पुलिस को छह मोबाइल, 24 बैंक खाता की डिटेल मिली, जिसमें नौ बैंक खाते चालू हैं. इसके साथ ही अन्य तमाम सामान बरामद किया गया है,जिसकी छानबीन हो रही है.
-बबलू कुमार, एसएसपी

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