आगरा: पेड़ हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है. वेद और पुराणों में भी पेड़ों की महत्ता बताई गई है. यह तो आप और हम सभी जानते हैं. ऐसी मान्यता भी है कि अपनी राशि, ग्रह और नक्षत्र के हिसाब से पौधरोपण करने से ग्रहों की हालत सुधारती है. जिससे लोगों के बिगडने वाले काम बनेंगे. साथ ही घर में खुशहाली के साथ परिवार में तरक्की आएगी. अबआगरा वन विभाग भी लोगों को पौधरोपण से जोड़ने के लिए वेद और पुराणों का सहारा ले रहा है. इसके लिए वन विभाग ने पत्रक छपवाएं हैं. जिनसे लोगों को पौधरोपण से जुड़ने के लिए अपील की जा रही है. वन विभाग ने जो पत्रक छपवाए हैं, उनमें लोगों से अपने ग्रह नक्षत्र के हिसाब से पौधे लगाने की सलाह दी है.
नक्षत्र वाटिका से सुधारें नक्षत्रों की चालःज्योतिषाचार्य अरविंद कुमार मिश्रा ने बताया कि हमारे वेद और पुराणों में पेड़ों को लगाने के साथ उनकी पूजा का भी विधान है. हर व्यक्ति को अपने जीवन में पौधे लगाने चाहिए. जिसमें सेमल, साल, नागकेसर, पीपल, नीम, बरगद, इमली, कैथा, बेल, आंवला और आम जरूर लगाने चाहिए. मगर, विकास की अंधी दौड़ में हमने सबसे ज्यादा बलि पेड़ों की दी है. ज्योतिषाचार्य अरविंद कुमार मिश्रा बताया कि लोग गार्डन में नक्षत्र वाटिका का पौध लगवा सकते हैं. इसके अलावा 27 नक्षत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले पेड़ों को एक वृत सर्किल में लगा सकते हैं. ये नक्षत्र अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आद्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मेघा, पू.फाल्गुनी, उ. फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूला, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रावण, धनिष्ठा, शतमिषक, पू. भाद्रपद, उ. भाद्रपद और रेवती हैं. इन नक्षत्रों के लिए लोग नक्षत्र वाटिका में कुचिला, आंवला, गूलर, जामुन, खैर, काला तेंदू, बांस, पीपल, नागकेसर, बरगद, ढाक, पाकड़, अर्जुन, कटाई, मौलश्री, चीड़, साल, जलवेतर, कटहल, मदार, छयोकर, कदंब, आम, नीम और महुआ के पेड़ लगाया जाना चाहिए.
सप्तऋषि वन भी फलदायी:ज्योतिषाचार्य ने बताया कि नक्षत्र समूह में 7 प्रमुख भारतीय ऋषि कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, जमदग्नि, विश्वामित्र, वशिष्ठ और गौतम हैं. इनसे संबंधित पौध लगाने से सप्तऋषि वन बनता है. जो बेहद फलदायी होता है. इसलिए सप्तऋषि वन में तुलसी, अगस्त्य, चिडचिटा, दूब, बेल, शमी और धतूरा का पौधा लगाएं. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि नवग्रह वाटिका भी कमाल की फलदायी होती है. इसमें सूर्य ग्रह के लिए मदार आक, सोम के लिए पलाश ढाक, मंगल के लिए खैर, बुध के लिए अपामार्ग लटजीरा, गुरु के लिए पीपल, शुक्र के लिए गूलर, शनि के लिए शमी, राहु के लिए दूब और केतु के लिए कुश का पौधा लगाएं.