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सांस नली में फंसे मूंगफली के दाने को निकाल चिकित्सकों ने बचाई बच्चे की जान

आगरा के सरोजिनी नायडू (एसएन) मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (Sarojini Naidu (SN) Medical College and Hospital) में एक सालभर के बच्चे के सांस नली में मूंगफली का दाना फंसने से उसकी तबीयत अचनाक बिगड़ गई और उसे सांस लेने में तकलीफ होने पर उसे परिजनों ने इलाज को एसएन मेडिकल कॉलेज लाया, जहां चिकित्सकों ने ब्रोंकोस्कोपी (bronchoscopy) कर मूंगफली के दाने को बाहर निकाल बच्चे की जान बचाई.

सांस नली में फंसे मूंगफली के दाने को निकाल चिकित्सकों ने बचाई बच्चे की जान
सांस नली में फंसे मूंगफली के दाने को निकाल चिकित्सकों ने बचाई बच्चे की जान

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Published : Sep 21, 2021, 10:07 AM IST

आगरा: आगरा (Agra)के सरोजिनी नायडू (एसएन) मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (Sarojini Naidu (SN) Medical College and Hospital)में सांस लेने में हो रही तकलीफ के बाद एक सालभर के बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहीं, जब चिकित्सकों ने बच्चे के गले का एक्स-रे किया तो पाया कि उसके सांस नली में मूंगफली का दाना (peanut kernel)फंसा हुआ था, जिसके कारण बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. ऐसे में बिना समय गवाए चिकित्सकों की टीम ने सोमवार को ब्रोंकोस्कोपी (bronchoscopy) से मूंगफली के दाने को बाहर निकाल बच्चे की जान बचाई.

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इधर, एसएनएमसी के ईएनटी विभाग के असिस्टेंट प्रो. डॉ. अखिल प्रताप सिंह (Assistant Prof. Dr. Akhil Pratap Singh) ने बताया कि जगनेर निवासी एक साल के यूवी को आक्सीजन सपोर्ट के साथ भर्ती किया गया था. आक्सीजन सपोर्ट के बाद भी बच्चे में आक्सीजन का स्तर 90 रह रहा था और उसे सांस लेने में परेशानी हो रही थी.

इस पर उसका एक्स-रे किया गया, जिसमें एक तरफ के फेफड़े में मूंगफली का दाना फंसा हुआ दिखा. इस पर बच्चे के परिजनों से जब पूछा गया तो उन्होंने भी बताया कि बच्चा मूंगफली खा रहा था, तभी अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई. असिस्टेंट प्रो. डॉ. अखिल प्रताप सिंह ने आगे बताया कि ब्रोंकोस्कोपी कर बच्चे के फैफड़े में फंसी मूंगफली के दाने को बाहर निकाल लिया गया है और फिलहाल वह ठीक है.

डॉ. अखिल ने बताया कि परिजनों की सतर्कता के कारण ही बच्चे की जान बचाई जा सकी. उन्होंने कहा कि बच्चे की तबीयत बिगड़ने की सूरत में परिजनों ने बिना समय गवाए उसे सीधे अस्पताल लेकर आए, जहां उसे भर्ती कर लिया गया और सही समय पर सटीक उपचार होने से बच्चे की जान बच गई. गौर हो कि हाल के दिनों में सामने आए कई ऐसे मामलों में सरोजिनी नायडू (एसएन) मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के चिकित्सकों ने अपनी सतर्कता और सटीक इलाज के जरिए लोगों की जान बचा मिसाल कायम किया है.

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