आगरा:21वीं सदी के अब तक के सबसे बड़े सूर्यग्रहण को देखने के लिए आगरा के लोगों में भारी उत्साह देखने को मिला. सूर्यग्रहण को देखने के लिए लोग पार्क और छतों पर दिखाई दिए. अधिकांश लोगों ने एक्सरे और दूरबीन का इस्तेमाल कर सूर्यग्रहण को देखा. वहीं कुछ परिवार के लोगों ने ग्रहण के प्रकोप से बचाव के लिए पानी की परछाई में सूर्य के प्रतिबिंब को देखा.
नग्न आंखों से न देखें सूर्यग्रहण
रविवार को पड़ने वाला सूर्यग्रहण 21वीं सदी का सबसे बड़ा सूर्यग्रहण है. अमावस्या के दिन पड़ने वाला यह सूर्य ग्रहण 1090 साल बाद आया है. वैज्ञानिकों के मुताबिक सूर्य ग्रहण को सीधे तौर पर कभी नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए. सूर्यग्रहण लोगों की आंखों की रोशनी को भी प्रभावित कर सकता है.
ताजनगरी आगरा में लोगों ने अनोखे अंदाज में देखा सूर्यग्रहण
यूपी के आगरा जिले में सूर्यग्रहण का असर कुछ अलग ही देखने को मिला है. इस दौरान मंदिर बंद रहे और सड़कों पर सन्नाटा दिखाई दिया. मगर लोगों ने छतों और मोहल्ले में इकट्ठा होकर सूर्यग्रहण देखने का पूरा प्रयास किया. इस दौरान अधिकांश लोगों ने पानी में छाया देखकर सूर्यग्रहण को अपने जेहन में कैद किया.
21वीं सदी के अब तक के सबसे बड़े सूर्यग्रहण का कई राशियों पर भी अलग-अलग प्रभाव पड़ा है. कुछ राशियों के लिए यह लाभकारी माना जा रहा है तो कुछ के लिए नुकसानदायक माना जा रहा है. वहीं छतों पर सूर्य ग्रहण को देखने वाले युवा वर्ग में भारी उत्साह देखने को मिला.
1090 वर्ष बाद देखा गया ऐसा सूर्यग्रहण
खगोल शास्त्र के अनुसार रविवार को पड़ने वाला सूर्य ग्रहण 21वीं सदी का सबसे बड़ा सूर्यग्रहण है. सूर्यग्रहण सुबह 10:12 बजे से शुरू होकर दोपहर करीब 1:30 तक देखा गया. भारत में आंशिक ग्रहण दिखाई दिया है. कुछ राज्यों में इसका प्रभाव ज्यादा देखा गया. इस दौरान शनिवार रात से ही मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए थे. वहीं ज्योतिषियों का दावा है कि 1090 वर्ष के बाद ऐसा सूर्यग्रहण देखा गया है.
इन राशियों के लिए लाभप्रद येसूर्यग्रहण
इसमें कंकणाकृती सूर्यग्रहण मृगशिरा में हुआ. जानकार बताते हैं कि बुध, गुरु, शुक्र, शनि और राहु व केतु के वक्री होने के कारण सूर्य स्वयं कर्क में उपस्थित था. सूर्य ग्रहण के बारे में ज्योतिषियों का कहना है कि कन्या, मिथुन और मीन राशि के लिए यह लाभप्रद हो सकता है. सूर्यग्रहण के बाद एक बार फिर मंदिरों में साफ-सफाई और भगवान के अभिषेक के बाद कपाट खोले जा रहे हैं.