आगरा: एक तरफ जहां सरकार गड्ढामुक्त सड़कों का दावा करती है तो वहीं सरकार के अपने ही मंत्री सरकार की मंशा पर पानी फेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. यही वजह है कि जलमग्न सड़क के निर्माण को लेकर गांव के युवाओं ने विरोध प्रदर्शन का रास्ता अख्तियार कर लिया.
मामला आगरा की तहसील किरावली के गांव मसेल्या का है. जहां फतेहपुर सीकरी से भाजपा सांसद और भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर के जिम्मे इस क्षेत्र के विकास की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन मसेल्या गांव के लोगों का कहना है कि जीतने के बाद से सांसद ने उनकी सुधि तक नहीं ली. विकास की राह देख रहा यह गांव उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह के विधानसभा क्षेत्र में आता है, इसके बावजूद इस गांव की ऐसी हालत है.
जलमग्न हुई गांव की गलियां, ग्रामीणों बोले- विकास नहीं तो वोट नहीं - agra water logging problem
आगरा की तहसील किरावली के गांव मसेल्या में जलमग्न सड़कों को लेकर ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों के खिलाफ प्रदर्शन किया. हाथों में तख्ती लिए ग्रामीणों ने विकास नहीं तो वोट नहीं के नारे लगाए.
जलमग्न हुई गांव की गलियां
ग्रामीणों का कहना है कि जर्जर सड़क पर जलभराव से रास्ता बंद हो जाता है, जिसके चलते ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों ने क्षेत्रीय सांसद और राज्यमंत्री पर भेदभाव का आरोप भी लगाया है. क्षेत्रीय युवाओं का कहना है आगरा में 2022 के चुनाव में इसका सरकार को खामियाजा भी भुगतना पड़ेगा वहीं उनका कहना है कि अगर जल्द इस गांव की सड़क पर विकास कार्य शुरू नहीं हुआ तो तहसील का घेराव करेंगे.