आगरा: उत्तर भारत के प्रसिद्ध तीर्थ धाम बटेश्वर में कार्तिक मास में हर वर्ष लगने वाले लोक मेला का आयोजन किया जाता है. लोक मेला आयोजन का लोगों को इंतजार रहता है. जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ साथ लोगों को अपनी संस्कृति देखने को मिलती है. वहीं इसी मेले के दौरान कार्तिक मास में पूर्णमासी से एक दिन पूर्व चौदस के दिन अपने पूर्वजों की मुक्ति हेतु दूरदराज से पहुंचने वाले लोग यमुना नदी में स्नान करके विधि विधान से यमुना नदी किनारे दीपदान करते हैं.
बता दें कि कार्तिक माह की चौदस को बैकुंठ चौदस भी कहा जाता है. बुधवार और गुरुवार को दो दिन चौदस पर्व होने पर दोनों दिन लोगों ने यमुना किनारे दीपदान किया. मान्यता है कि पूर्वजों के मोक्ष के लिए कार्तिक माह की चौदस को बटेश्वर में यमुना किनारे दीपदान करने से साल भर में प्राण त्यागने वाले पूर्वजों के लिए विष्णु भगवान के बैकुंठ धाम के द्वार खुल जाते हैं और ईश्वर भगवान की कृपा से उन्हें मोक्ष मिल जाता है. इसलिए बटेश्वर मेला उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड, आदि राज्यों से लोग भारी संख्या में तीर्थ धाम पहुंचते हैं. बैकुंठ चौदस पर अपने पूर्वजों की मुक्ति हेतु दीपदान करते हैं.
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