आगरा: जिले के बहुचर्चित पारस हॉस्पिटल की 'मौत वाली मॉकड्रिल' से हर कोई हैरान है. वीडियो वायरल होने पर जिला प्रशासन ने हॉस्पिटल संचालक डॉ. अरिंजय जैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर हॉस्पिटल सील कर दिया. मंगलवार देर रात एक बजे तक पारस हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों को पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एसएन मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया. हॉस्पिटल के बाहर पुलिस तैनात है. इधर, जब बुधवार सुबह आठ बजे हॉस्पिटल ड्यूटी पर कर्मचारी पहुंचे तो उन्हें लौटा दिया गया. गिने-चुने कर्मचारी और प्रबंधन के कुछ लोग हॉस्पिटल में मौजूद हैं.
रात दस बजे के बाद पहुंची एंबुलेंस
डीएम प्रभु नारायण सिंह ने मंगलवार दोपहर पारस हॉस्पिटल सील करने और संचालक के खिलाफ महामारी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए थे. डीएम ने कहा था कि, हॉस्पिटल में भर्ती 55 मरीजों को स्वास्थ्य विभाग की टीम संभावित अस्पतालों में शिफ्ट करेगी. लेकिन, मंगलवार रात 10 बजे के बाद स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीम एंबुलेंस लेकर पारस हॉस्पिटल पहुंची. तब तक तमाम तीमारदार अपने मरीजों को पारस हॉस्पिटल से अन्य हॉस्पिटलों में रेफर करा ले गए. फिर रात में पहुंची पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दोनों हॉस्पिटल में मौजूद मरीजों को एंबुलेंस से एसएन मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया. हॉस्पिटल पर पुलिसकर्मियों की तैनाती है.
यह था मामला
बता दें कि, आगरा-दिल्ली हाईवे पर स्थित पारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ. अरिंजय जैन के सात जून को चार वीडियो वायरल हुए. जिसमें डॉ. अरिंजय जैन हॉस्पिटल में भर्ती कोविड-19 मरीजों के पर की गई आक्सीजन हटाने की 'मॉक ड्रिल' की बात कर रहे हैं. यह 'मौत वाली मॉक ड्रिल' 26 अप्रैल-2021 को हुई थी. वीडियो वायरल से यूपी में खलबली मच गई. मंगलवार को हंगामा हुआ. कांग्रेस नेता सामने आए तो जिला प्रशासन हरकत में आया. छानबीन के बाद जिला प्रशासन ने हॉस्पिटल संचालक डॉ. अरिंजय जैन को दोषी माना और हॉस्पिटल सील करने के निर्देश दिए थे.
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