आगरा:ताज महल का दीदार करने पहुंचे जगतगुरु परमहंस को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. बता दें कि जगतगुरु परमहंस को ताजमहल जाते वक्त पुलिस ने रास्ते में ही रोक लिया था. इस दौरान उनकी पुलिस से काफी देर तक नोकझोंक हुई. उन्होंने बताया कि हम पहले भी हम ताजमहल देखने के लिए आए थे. लेकिन भगवा वस्त्र पहने होने के कारण उन्हें ताजमहल में प्रवेश नहीं करने दिया गया. चूंकि यह मुद्दा काफी सुर्खियों में छाया रहा है, इसलिए एएसआई ने उन्हें दोबारा ताजमहल घूमने के लिए आमंत्रित किया था.
जगद्गुरु परमहंस आचार्य अपने एलान से दो दिन पहले मंगलवार सुबह आगरा पहुंचे. उन्होंने आगरा आने का एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने सनातन धर्म मानने वालों से एलान किया था कि अक्षय तृतीया के मौके पर ताजमहल में पूर्वी गेट से एंट्री करूंगा. सनातन धर्म मानने वालों से अपील की थी कि वो ज्यादा से ज्यादा संख्या में दोपहर 12 बजे ताजमहल पहुंचे.
बता दें कि अयोध्या से 26 अप्रैल 2022 को जगद्गुरु परमहंस आचार्य आगरा आए थे. यहां वे जब ताजमहल देखने पश्चिमी गेट पर पहुंचें, तो यहां सीआईएसएफ के जवानों ने उन्हें भगवा वस्त्र और ब्रह्म दंड के चलते एंट्री नहीं दी. इस कारण वो ताज का दीदार नहीं सके. शिष्य ने जब उनकी फोटो खींचने की कोशिश की, तो मोबाइल छीनकर फोटो डिलीट कर दिया गया.
जगद्गुरु परमहंस आचार्य का कहना है कि आज जहां ताजमहल है, वहां भगवान शिव की पिंडी दबी हुई है. ताजमहल का असली नाम तेजोमहालय है. विधर्मी मुगलों ने तेजोमहालय को ताजमहल कहना शुरू कर दिया. इसे गलत इतिहास बताता गया. यह तेजोमहालय था.