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अनुपम बिल्डर के मालिक और उनकी पत्नी गिरफ्तार, धोखाधड़ी में जेल गए

आगरा में धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने रविवार को अनुपम बिल्डर के मालिक और उनकी पत्नी को हिरासत में लिया. इसके बाद कोर्ट से दोनों को जेल भेज दिया गया.

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Published : Mar 20, 2023, 8:37 AM IST

आगरा:आगरा कमिश्नरेट की कमला नगर थाना पुलिस ने रविवार को अनुपम बिल्डर के मालिक रामअवतार अग्रवाल और उनकी पत्नी शशिबाला अग्रवाल को हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश किया. वहां से दोनों को जेल भेज दिया गया. सीजेएम कोर्ट से दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी के मुकदमे में गैर जमानती वारंट जारी हुए थे. इस मामले में वादी फिरोजाबाद के रिटायर सीएमओ डॉ. विमला सोलंकी ने आरोपी बिल्डर, उसकी पत्नी, बेटे और बैंक अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.

कमला नगर थाना प्रभारी निरीक्षक विपिन गौतम ने बताया कि फिरोजाबाद की रिटायर सीएमओ डॉ. विमला सोलंकी ने सात दिसंबर 2018 को न्यू आगरा थाने में धोखाधड़ी का एक मुकदमा दर्ज कराया था. मुकदमे में बी ब्लॉक, कमला नगर निवासी रामअवतार अग्रवाल और उनकी पत्नी शशिबाला अग्रवाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुए थे. जब वारंट थाने पर आए तो पुलिस ने वारंट तामील कराए.

कमला नगर थाना प्रभारी निरीक्षक विपिन गौतम ने बताया कि गैरजमानती वारंट पर आरोपी राम अवतार अग्रवाल और शशिबाला अग्रवाल को हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश किया गया. इस पर कोर्ट ने आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया. आरोपी अनुपम के खिलाफ और भी कई मुकदमे दर्ज हैं.

तीन फ्लैट पर ले लिया था करोड़ों का लोन

बता दें कि 37 टीचर्स कॉलोनी, जयपुर हाउस निवासी डॉ. विमला सोलंकी ने सन् 2018 में तत्कालीन एसएसपी से धोखाधड़ी की शिकायत की थी. इसमें उन्होंने पुलिस को बताया था कि वो फिरोजाबाद से सीएमओ पद से रिटायर हुई हैं. सन् 2012 में अनुपम ओकेरियन इंफ्रास्ट्रैक्चर में उन्होंने छह फ्लैट खरीदे थे. इनका भुगतान चेक से किया था. इनमें तीन फ्लैट तैयार थे और तीन की छत नहीं बनी थी. उनके निर्माण का भी पैसा दिया था. तीन फ्लैट पर बिल्डर ने उन्हें कब्जा दे दिया. अन्य तीन फ्लैट किसी और को बेच दिए. वह साइट पर गईं तो उन्होंने वहां सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का बोर्ड लगा देखा. इस बारे में जानकारी मिली कि प्रोजक्ट पर बैंक से लोन है.

बिना गिरफ्तारी चार्जशीट लगाई थी

दरअसल, आगरा में बिल्डरों के खिलाफ मुकदमों का अंबार है. इस मामले में पुलिस ने बिल्डर का बचाव किया था. इसके तहत बिल्डर गिरफ्तार नहीं किया और मामले में चार्जशीट लगा दी, जिससे आरोपियों को कोर्ट से राहत मिल जाती है. लेकिन, इस मुकदमे में आरोपी बिल्डर ने चार्जशीट के बाद अपनी और पत्नी की जमानत तक नहीं कराई थी. इसलिए, वारंट जारी हो गए.

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