आगरा : अब नगर-निगम ने सिकंदरा नवीन फल एवं सब्जी मंडी में सड़ी-गली सब्जियों और फलों से खाद बनाने की प्लानिंग की है. ऑर्गेनिक कचरे से खाद बनेगी तो मंडी परिसर में न गंदगी बिखरेगी न ही बदबू रहेगी. इतना ही नहीं मंडी में आने वाले किसानों, व्यापारी और आढ़तियों को आवारा पशुओं के आतंक से मुक्ति भी मिलेगी.
बता दें कि, आगरा नगर निगम ने गेल इंडिया के सीएसआर फंड से मिली धनराशि से तीन कंपोस्ट खाद बनाने के प्लांट लगाए गए हैं. इसमें लोहा मंडी के राजनगर में एक-एक टन के फूलों के कचरा और सड़ी-गली सब्जियों व फूलों से कंपोस्ट खाद बनाने के प्लांट हैं. तीसरा प्लांट ट्रांसपोर्ट नगर में है.
सब्जियों व फूलों के अवशेषों से बन रही खाद शहर के गीले कूड़ों से बन रहा कंपोस्ट खाद
नगर आयुक्त निखिल टी फुंडे का कहना है कि, शहर में जो गीला कूड़ा यानि ऑर्गेनिक वेस्ट मिलता है, उससे उसे डीकंपोज करने के लिए उनका ये प्लांट है. यहां पर गीले कूड़े से कंपोस्ट खाद बनाई जा रही है. उनका कहना है कि एक बड़ा प्लांट कुबेरपुर खत्ताघर पर है. जो 300 टन प्रतिदिन का है. इसके अलावा अन्य कंपोस्ट खाद बनाने के प्लांट हैं. यहां पर सब्जी मंडी और फल मंडियों में सड़े-गले फलों और सब्जियों को लाकर कंपोस्ट खाद तैयार की जाती है. इस खाद को बाजार में बेचा जाता है. उन्होंने बताया कि जल्द ही उनका अनुबंध कृभको से होने वाला है.
सब्जियों व फूलों के अवशेषों से बन रही खाद सिकंदरा सब्जी मंडी में नया कंपोस्ट प्लांट लगाने की प्लानिंग
नगर आयुक्त निखिल टी फुंडे ने बताया कि, अभी उनके पास एक 5 टन की कंपोस्ट खाद बनाने वाली मशीन फ्री हुई है. अब वो इस मशीन से सिकंदरा सब्जी मंडी में कंपोस्ट खाद बनाने का प्लांट लगाने जा रहे हैं. इसकी वो प्लानिंग कर लिए हैं. उन्होंने बताया कि इस बारे में मंडी समिति के अधिकारियों से बातचीत हो रही है. मंडी समिति में यह प्लांट लगने से वहां पर निकलने वाली सड़ी गली सब्जी और फलों से खाद बनेगा. जिसे वो मंडी समिति को भी सौंप देंगे. इससे वहां इधर-उधर कचरा और गंदगी भी नहीं दिखाई देगी. यहां पर कंपोस्ट खाद का प्लांट लागाने से सड़ी-गली सब्जियों और फलों के कचरे को प्लांट तक लाने का खर्चा भी बचेगा.
अमेजॉन पर बिक रही कंपोस्ट खाद
नगर आयुक्त निखिल टी फुंडे ने बताया कि, शहर में ट्रांसपोर्ट नगर, लोहामंडी के राजनगर में कंपोस्ट खाद बनाने के प्लांट हैं. नगर निगम ने ऑर्गेनिक वेस्ट से कंपोस्ट खाद बनाने का प्लांट लगाने के लिए टेंडर किए थे. जिन फर्मों ने टेंडर लिए हैं, अब वे फर्म सब्जी मंडी, फल मंडी और फूल मंडी से निकलने वाले ऑर्गेनिक कचरे का उपयोग करके कंपोस्ट खाद बना रहे हैं. राजनगर में फूलों के वेस्टेज से कंपोस्ट खाद बनाने का काम किया जा रहा है. आगरा नगर निगम में टेंडर लेने वाली फर्म अब तैयार कंपोस्ट खाद को अमेजॉन पर बेच रही है.
सब्जियों व फूलों के अवशेषों से बन रही खाद यूं बनती है प्लांट में कंपोस्ट खाद
ट्रांसपोर्ट नगर कंपोस्ट प्लांट के सुपरवाइजर प्रदीप ने बताया कि, सब्जी मंडी और फल मंडी के साथ ही फलों का कचरा आता है. उससे यहां कंपोस्ट खाद बनाई जाती है. सबसे पहले कचरे को एक मशीन में डालकर छोटे-छोटे किए जाते हैं. इसके बाद दूसरी मशीन में उसमें तय मानक में लकड़ी का बुरादा और अन्य सामान मिलाया जाता है. फिर इसे मिक्स किया जाता है. इसके बाद इसे प्लांट में बड़े-बड़े डिब्बों में भरकर रैक लगाकर रख दिया जाता है. इस तरह प्लांट में 15 से 20 दिन में कंपोस्ट खाद बनकर तैयार हो जाती है.
आगरा नगर निगम की ओर से गीले कचरे से खाद बनाने के लिए कुबेरपुर, राजनगर, आईएसबीटी, धांधूपुरा में प्लांट लगाए गए हैं. जहां से बनने वाली खाद को लगातार नगर निगम ने कृभको को बेचा है. अब तक नगर निगम कृभको को 1500 मैट्रिक टन खाद की आपूर्ति कर चुका है. जबकि, अब अगले ऑर्डर के लिए नगर निगम की ओर से कृषको स्बा तचीत चल रही है.