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Agra News: SNMC में कतार का चक्कर होगा खत्म, अब इस ऐप पर लगाओ नंबर और पाओ पर्चा - आगरा मेडिकल कॉलेज में ऑनलाइन टोकन

आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में अब मरीजों और तीमारदारों को लाइन की झंझट से छुटकारी मिलेगा. अब एक ऐप मोबाइल पर लोडकर मरीज और तीमारदार अपना नंबर लगा सकेंगे. जानिए कैसे करें रजिस्ट्रेशन.

आगरा मेडिकल कॉलेज
आगरा मेडिकल कॉलेज

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Published : Jan 25, 2023, 11:11 AM IST

आगरा:दिल्ली एम्स की तरह ही आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में डॉक्टर के परामर्श का मोबाइल से नंबर लगेगा. इससे मरीज और तीमरदारों को रजिस्ट्रेशन काउंटर के सामने कतार में नहीं लगना पड़ेगा. मोबाइल से ऑनलाइन 'आभा' ऐप से मरीज या तीमारदार अपना नंबर लगा सकेंगे. मोबाइल पर ऑनलाइन मिले टोकन नंबर से मरीज का पर्चा बनेगा. इसके बाद मरीज सीधे डॉक्टर को दिखा सकेगा.

बता दें कि एसएन मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में चिकित्सक से परामर्श के लिए पहले रजिस्ट्रेशन काउंटर पर जाना पड़ता है. वहां पर हर समय भीड़ मिलती है. जबकि, एसएनएमसी में छह रजिस्ट्रेशन काउंटर हैं. जिन पर चिकित्सक से परामर्श और उपचार के लिए पर्चे बनाए जाते हैं. रजिस्ट्रेशन काउंटर पर मरीज को एक रुपये फीस देनी पड़ती है. फिर, मरीज को अपना नाम, पता, आधार कार्ड नंबर और बीमारी बताना होता है. इसके बाद कंप्यूटर ऑपरेटर दर्ज करके पर्चा बनाता है. इसमेें बीमारी के हिसाब से संबंधित विभाग का नाम लिखा होता है. उसी पर्चे पर चिकित्सक भी मरीज देखते हैं.

ऐप से मिलेगा मरीज को टोकन नंबर

एसएन मेडिकल कॉलेज की ओपीडी नोडल डॉ. यतेंद्र चाहर ने बताया कि ओपीडी में पर्चे बनवाने के लिए नई प्रक्रिया शुरू की जा रही है. नई प्रक्रिया में एसएनएमसी की ओपीडी में आने वाले मरीज या तीमारदार को अपने मोबाइल में 'आभा' एप्लिकेशन डाउनलोड करना होगा. आभा एप से मरीज 'क्यूआर' कोड स्कैन करेगा जो क्यूआर मोबाइल के जरिए मरीज के आधार कार्ड तक पहुंच जाएगा. इससे मरीज के आधार कार्ड की जानकारी एप्लिकेशन में आ जाएगी. फिर, मरीज के मोबाइल पर आटोमैटिक एक टोकन नंबर आएगा. उस टोकन नंबर और बीमारी बताने पर रजिस्ट्रेशन काउंटर से उसे पर्चा मिल जाएगा.

आभा ऐप से ओपीडी पर्चा की व्यवस्था शुरू

एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ प्रशांत गुप्ता ने बताया कि नई व्यवस्था में मरीज या तीमारदारों को पर्चा बनवाने के लिए रजिस्ट्रेशन काउंटर के सामने घंटों कतार में नहीं लगना पड़ेगा. इससे ओपीडी का 50 प्रतिशत या इससे अधिक बोझ कम होगा. इसलिए, इसका प्रयोग शुरू कर दिया है. सब कुछ ठीक होने पर यह व्यवस्था पूरी तरह लागू की जाएगी. टोकन के लिए अलग से एक या दो काउंटरों की व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है. वैसे देखा जाए तो नई व्यवस्था से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि मरीज ऐप लॉग इन करके अपनी हिस्ट्री पता कर सकता है. एसएनएमसी के पास भी मरीज की पुरानी जानकारी होगी. इससे मरीज को परामर्श देने या इलाज करने में आसानी होगी. ओपीडी का पर्चा नष्ट होने या खराब होने का डर भी नहीं है.

यूं करें रजिस्ट्रेशन

आभा ऐप, क्यूआर कोड स्कैनर, कैमरा का इस्तेमाल करके इसे स्कैन करना होगा. ऐप पर मांगी गई खुद की जानकारी दर्ज करके रजिस्टर/लॉग इन करना होगा. अस्पताल के साथ अपनी प्रोफाइल को साझा करके एक टोकन नंबर प्राप्त करना होगा. अपना टोकन नंबर आने पर पंजीकरण कक्ष से ओपीडी स्लिप लेकर डॉक्टर से मिलें.

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