आगरा: बैंक, मोटरसाइकिल एजेंसी और फाइनेंस बैंक कर्मियों की मिलीभगत से फर्जी कागजात बनाकर लोन ले लिया गया. इस लोन से मोटरसाइकिल खरीद ली गई. इस संबंध में एसटीएफ पूरी सूचना एकत्रित की जा रही है. शमसाबाद थाना पुलिस और एसटीएफ आगरा ने गुरुवार को संयुक्त कार्रवाई करते हुए 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इस दौरान दो युवक मौके से भाग निकले. गिरफ्तार लोगों से पुलिस ने 13 मोटरसाइकिलें बरामद की हैं.
फर्जी दस्तावेजों पर वाहन लोन दिलाने वाला गिरोह पकड़ा, इतनी बाइक बरामद - आगरा पुलिस
फर्जी कागजात बनाकर बैंक से लोन लेकर मोटरसाइकिल खरीदने का मामला सामने आया है. इसमें बैंक, मोटरसाइकिल एजेंसी और फाइनेंस बैंक कर्मियों की मिलीभगत सामने आ रही है. पुलिस ने इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
आधारकार्ड का करते थे प्रयोग
गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि सभी लोग संगठित गिरोह के रूप में काम करते थे. ग्राहकों के आधार कार्ड की एडिटिंग करके विभिन्न बैंकों से बिना कोई ईएमआई भरे कम दामों पर मोटरसाइकिल दिलाते थे. इसके बदले उन्हें अच्छा पैसा मिलता था.
अभियुक्तों से ये हुआ बरामद
एसटीएफ आगरा और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में अभियुक्तों से 13 मोटरसाइकिल, तीन लैपटॉप, दो कलर प्रिंटर, दो फिंगरप्रिंट सेंसर, 6 मोबाइल, 42 आधार कार्ड, 11 पैन कार्ड, आठ निर्वाचन पहचान पत्र, 16 बैंक पासबुक, दो एटीएम कार्ड आदि बरामद किए हैं.
पुलिस ने इन्हें किया गिरफ्तार
आगरा के एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि एसटीएफ आगरा और थाना शमसाबाद पुलिस टीम ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है. ये लोग धोखाधड़ी करके दोपहिया वाहनों को फाइनेंस करा कर बेचते थे. गैंग के मुख्य सरगना सहित 7 लोग गिरफ्तार किए गए हैं. इनके पास से 13 दो पहिया वाहन मिले हैं. इसके अलावा लैपटॉप, फिंगरप्रिंट स्कैनर, फर्जी आईडी, आधार कार्ड आदि बरामद हुए हैं. एसटीएफ को सूचना मिली थी कि कुछ लोग कम दामों में दोपहिया वाहनों को फाइनेंस करा कर दे रहे हैं. इंश्योरेंस कंपनी के कर्मचारियों से मिलीभगत कर फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर गाड़ियों को फाइनेंस कराया जाता था. आईडी फर्जी होने के कारण बैंक रिकवरी नहीं कर पाती थी. गाड़ियां खरीदने वालों और बैंक कर्मियों के फर्जी वेरिफिकेशन करने वालों की तलाश की जा रही है. अभी तक करीब 200 गाड़ियों के फर्जीवाड़े का पता चला है.