आगरा:आगरा हिंसा से पुलिस की प्रदेश भर में किरकिरी हुई. अवैध खनन का ट्रैक्टर-ट्रॉली दौड़ा रहे चालक की मौत के बाद आक्रोशित भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया था. डीजीपी ने बवाल को लेकर नाराजगी जाहिर की है. एसएसपी बबलू कुमार ने अब हिंसा करने वालों पर नकेल कसने के लिए एलआईयू को एक्टिव कर दिया है. वहीं, हिंसा करने वाले लोगों पर एनएसए की कार्रवाई की तैयारी जा रही है. पुलिस ने अब तक 7 बवालियों को जेल भेज चुकी है. वहीं, जिला प्रशासन की ओर से बवाल में हुए सरकारी संपत्ति के नुकसान का आकलन भी शुरू कर दिया गया है. सरकारी संपत्ति के नुकसान की भरपाई हिंसा करने वालों से की जाएगी.
ये था मामला
ताजगंज निवासी 22 वर्षीय पवन यादव गुरुवार सुबह साढ़े 11 बजे ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर यमुना की बालू लेकर आ रहा था. शिल्पग्राम रोड पर एसटीपी के पास पुलिस की चीता मोबाइल पर तैनात सिपाहियों ने ट्रैक्टर-ट्राली रुकवाने का प्रयास किया. इस पर पवन ने ट्रैक्टर-ट्राली को दौड़ा दिया. इससे बेकाबू ट्रैक्टर-ट्राली पलट गई. जिसके नीचे पवन दब गया. पुलिस और स्थानीय लोगों ने पवन फतेहाबाद रोड पर स्थित एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया. इस दौरान परिजन और भीड़ हॉस्पिटल पहुंच गई. ट्रैक्टर चालक पवन की मौत के बाद भीड़ ने पुलिकर्मियों पर हमला बोल दिया. पुलिसकर्मियों की पिटाई की. गुस्साई भीड़ तोरा पुलिस चौकी पर पहुंच गई. शव को फतेहाबाद रोड पर रखकर जाम लगा दिया गया और हंगामा भी किया गया.
दो मुकदमे दर्ज कराए गए
एसएसपी बबलू कुमार ने ताजगंज थाना में बवाल के दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए हैं. जिसमें एक मुकदमा फतेहाबाद रोड पर स्थित हॉस्पिटल के सामने हंगामा और पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई करने का है. दूसरा मुकदमा तोरा पुलिस चौकी पर उपद्रव करने और आगजनी का है. दोनों में 100 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया है.