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अब ऑफलाइन टिकट लेकर ताज का कर सकेंगे दीदार, एएसआई ने लागू की व्यवस्था - ताज महल के लिए ऑनलाइन बुकिंग

अब रोज 15 हजार सैलानी ताजमहल का दीदार कर पाएंगे. जिला प्रशासन ने टिकटों की संख्या 10 हजार से बढ़ाकर 15 हजार कर दी है. साथ ही एएसआई ने ऑफलाइन टिकटों की व्यवस्था भी लागू कर दी है. इससे ऑनलाइन टिकटों की बुकिंग खत्म होने से पर्यटक मायूस नहीं होंगे.

एएसआई का नए साल पर पर्यटकों को तोहफा
एएसआई का नए साल पर पर्यटकों को तोहफा

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Published : Jan 1, 2021, 9:02 PM IST

आगरा: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने नव वर्ष पर दुनियाभर के पर्यटकों को तोहफा दिया है. अब आगरा के स्मारकों पर कैंपिंग कैपिसिटी के लिए ऑफलाइन टिकट की भी सुविधा उपलब्ध होगी. एएसआई ने ताजमहल की टिकटों की लगातार हो रही कालाबाजारी को लेकर यह फैसला लिया है. साल 2021 के पहले दिन ही आगरा किला, फतेहपुर सीकरी और सिकंदरा की टिकट विंडो खोल दी गईं.

188 दिनों बाद खोला गया है आगरा किला और ताजमहल
बता दें कि लॉकडाउन से पहले 17 मार्च 2020 को ताजमहल सहित देश के सभी स्मारकों को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था. आगरा का ताजमहल और आगरा किला भी 188 दिन तक बंद रहा. इससे आगरा के पर्यटन कारोबार में सन्नाटा पसरा गया था. इसके बाद 21 सितंबर 2020 को एएसआई ने ताजमहल और आगरा किला 'अनलॉक' किया, लेकिन स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) और कैपिंग सिस्टम लागू करके ताजमहल में पांच हजार पर्यटकों को ही प्रवेश देने की व्यवस्था लागू की गई.

टिकटों की कालाबाजारी पर बढ़ी थी कैंपिंग कैपिसिटी
एएसआई की ताजमहल पर लागू 5 हजार की कैंपिंग कैपिसिटी और ऑनलाइन टिकट बुकिंग में शरारती तत्वों ने सेंध लगा ली थी. टिकटों की कालाबाजारी से हर दिन सैकड़ों पर्यटक मायूस होकर घर लौटते थे. इस बाबत पर्यटन उद्यमी और एएसआई ने कैंपिंग कैपेसिटी को बढ़ाने के लिए मुख्यालय से पत्राचार किया. इसके बाद एएसआई मुख्यालय ने ताजमहल पर प्रतिदिन 10,000 पर्यटकों की एंट्री के लिए आदेश दिया था.

आगरा किला पर भी पर्यटकों की संख्या बढ़ाकर चार हजार कर दी गई थी. अब ताजमहल पर प्रतिदिन 15,000 की एंट्री और आगरा किला में 7,500 पर्यटकों के प्रवेश की अनुमति दी गई है.

ये बोले अधिकारी
एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि सभी स्मारकों पर निर्धारित सीमा के बाद भी पर्यटकों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसको लेकर सभी स्मारकों के ऑनलाइन टिकट के साथ ही ऑफलाइन टिकट की भी व्यवस्था की जा रही है. इससे पर्यटक मायूस नहीं लौटेंगे. ऑनलाइन टिकट नहीं होने पर पर्यटक ऑफलाइन टिकट लेकर स्मारकों का भ्रमण कर सकेंगे.

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