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भाजपा सांसद-विधायक समेत पांच के खिलाफ गैर जमानत वारंट जारी, 26 साल पुराना है मामला

आगरा में स्पेशल जज (एमपी-एमएलए) उमाकांत जिंदल ने फतेहपुर सीकरी के भाजपा सांसद राजकुमार चाहर और विधायक योगेंद्र उपाध्याय सहित पांच के खिलाफ गुरुवार को गैर जमानती वारंट जारी किए हैं. मामला 26 साल पहले कैंट स्टेशन पर शताब्दी एक्सप्रेस रोक कर उसमें तोड़फोड़ करने का है.

भाजपा सांसद-विधायक के खिलाफ गैर जमानत वारंट जारी.

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Published : Oct 18, 2019, 9:57 AM IST

आगरा: फतेहपुर सीकरी से बीजेपी सांसद राजकुमार चाहर, विधायक योगेंद्र उपाध्याय सहित पांच लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ है. विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) ने गैर जमानती वारंट जारी किया है. अदालत ने एसएसपी को आरोपियों को कोर्ट में हाजिर करने के आदेश दिए हैं. मामला 26 साल पहले आगरा कैंट स्टेशन पर शताब्दी एक्सप्रेस रोक कर उसमें तोड़फोड़ करने का है. पांचों इसमें गैरहाजिर चल रहे हैं.

भाजपा सांसद-विधायक के खिलाफ गैर जमानत वारंट जारी.

जानें पूरा मामला
मामला 2 जनवरी 1993 का है. रात 8:30 बजे तत्कालीन केंद्रीय मंत्री माधव राज सिंधिया परिवार के साथ ग्वालियर से दिल्ली जा रहे थे. कैंट स्टेशन पर भाजपा और बजरंग दल के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था. प्रदर्शनकारियों पर आरोप था कि उन्होंने शताब्दी को रोक कर हंगामा, पथराव और हमला भी किया था.

दो मुकदमा हुए थे दर्ज
आगरा कैंट जीआरपी थाने में इस मामले में दो मुकदमे दर्ज हुए थे. एक मुकदमा केंद्रीय मंत्री के निजी सचिव अमर सिंह निवासी बी-13 ग्रेटर कैलाश एंक्लेव द्वितीय (नई दिल्ली) और दूसरा मुकदमा तत्कालीन स्टेशन अधीक्षक किरन सिंह ने आगरा कैंट जीआरपी में दर्ज कराया था. इन मुकदमों में रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और अन्य आरोप अज्ञात लोगों पर थे. जीआरपी ने धारा 147, 148, 149, 307, 379, 356, 427 और 145, 151 रेलवे एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था. इसमें भाजपा नेता समेत 93 लोगों को आरोपित बनाया गया था. विवेचना के बाद करीब दर्जनों के खिलाफ ही कार्रवाई हुई थी.

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यह मुकदमा विशेष न्यायधीश (एमपी, एमएलए) उमाकांत जिंदल की अदालत में लंबित है. इसमें सांसद राजकुमार चाहर, विधायक योगेंद्र उपाध्याय, पूर्व ब्रज क्षेत्र संगठन मंत्री हृदयनाथ, मुकेश गुप्ता और त्रिलोकीनाथ अग्रवाल लंबे समय से हाजिर नहीं हो रहे हैं. अदालत ने आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर हाजिर कराने के जीआरपी थानाध्यक्ष को निर्देश दिए हैं. थानाध्यक्ष जीआरपी आगरा कैंट ने अदालत के आदेश का अनुपालन नहीं किया. इसके बाद विशेष न्यायाधीश ने एसएसपी को भेजे पत्र में कहा है कि थानाध्यक्ष द्वारा इस संबंध में कोई रुचि नहीं ली जा रही है. ऐसा प्रतीत हो रहा है कि थानाध्यक्ष द्वारा आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है. इसलिए एसएसपी को आदेश दिए हैं कि आरोपियों को अदालत में हाजिर कराना सुनिश्चित करें.


इस मुकदमे में वरिष्ठ अधिवक्ता दुर्ग विजय सिंह भैया, योगेंद्र सिंह परिहार, शैलेंद्र गुलाटी, पूर्व राज्यमंत्री डॉ. रामबाबू हरित, सुनील शर्मा समेत अन्य अदालत में हाजिर हो रहे हैं.

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