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विकास की बाट जोह रहा अटल जी का 'बटेश्वर', खोखले साबित हो रहे दावे और वादे - अटल बिहारी वाजपेयी

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के बटेश्वर गांव से भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तमाम यादें जुड़ी हुई हैं. सरकार ने गांव के विकास के तमाम वादे किये थे, लेकिन अभी भी बटेश्वर विकास की राह देख रहा है.

आज भी विकास की राह देख रहा है अटल जी का गांव.

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Published : Aug 16, 2019, 1:14 PM IST

Updated : Aug 16, 2019, 1:51 PM IST

आगरा: 'हार नहीं मानूंगा, रार नई ठानूंगा, काल के कपाल पर लिखता हूं, मिटता हूं, गीत नया गाता हूं'. अटल जी के इरादों की इन पंक्तियों का बटेश्वर से गहरा नाता है. बटेश्वर से भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तमाम यादें जुड़ी हैं. फिर चाहे वह बचपन की उछलकूद हो या दोस्तों संग हंसी-ठिठोली. यही नहीं आजादी की लड़ाई में अटल जी का शामिल होना भी बटेश्वर से जुड़ा है. हालांकि आज भी बटेश्वर गांव विकास की राह देख रहा है.

आज भी विकास की राह देख रहा है अटल जी का गांव.
विकास की बाट जोह रहा है अटल जी का गांव
  • केंद्र और राज्य की सत्ताधारी पार्टी के संस्थापकों में शामिल अटल जी का गांव अभी भी विकास की राह देख रहा है.
  • आज अटल जी की प्रथम पुण्यतिथि है. अटल जी के निधन के बाद खुद सीएम योगी ने बटेश्वर के विकास का खाका तैयार किया था.
  • विकास का वादा भी हुआ. 10 करोड़ रुयपे का बजट भी घोषित हुआ.
  • एक साल बीत गया, लेकिन अटल जी के गांव में विकास की नींव भी नहीं रखी गई है.
  • अटल जी की खंडहर पैतृक हवेली पर कंटीले बबूल की झाड़ियां खड़ी हैं.
  • सरकार के वादे खोखले साबित हो रहे हैं.

इसे भी पढ़ें-पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि

बटेश्वर में 'भदावर की काशी'-

  • राजनीति के अजातशत्रु अटल बिहारी वाजपेयी के बटेश्वर गांव के वैभव का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बटेश्वर सब तीर्थों का भांजा है.
  • इसे 'भदावर की काशी' भी कहते हैं. भदावर के महाराजाओं ने यमुना किनारे यहां पर 108 शिवालयों की श्रंखला बनवाई थी.
  • यहां पर यमुना भी उल्टी धारा में बहती हैं.
  • बटेश्वर धाम पर देसी-विदेशी पर्यटक भी आते हैं.
  • हर सोमवार को बटेश्वर में बड़ा मेला लगता है.
  • भगवान शिव की आराधना करने भक्त आते हैं.
  • यमुना में स्नान करके भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं.

गांव के विकास की घोषणाएं-

  • बटेश्वर के विकास को लेकर कई घोषणाएं हुई.
  • अटल जी की स्मृति बनाने की भी घोषणाएं हुई थी.
  • अटल जी का स्मारक और म्यूजियम बनाने की घोषणाएं हुई थी.
  • बटेश्वर धाम में यमुना के घाटों की इंटरलॉकिंग और पार्क में झूले लगाने के लिए 3.67 करोड़ का बजट भी स्वीकृत हो गया था.
  • मार्च 2019 में 90 लाख से ज्यादा रुपये जारी भी हो गए थे.
  • अफसरों की लापरवाही से अभी तक बटेश्वर के घाटों पर काम शुरू नहीं हुआ है.
  • अटल जी के परिजन और बटेश्वर के लोगों ने तमाम सपने सजाए हैं.
  • बटेश्वर के विकास के प्रस्ताव तो तैयार हुए, लेकिन किए नहीं गए.

सरकार के सभी वादे खोखले हैं. अटल जी के निधन के बाद सीएम योगी आए थे. इसके बाद तमाम अधिकारी और नेता यहां पर आए थे. वादा किया था कि अटल जी की पैतृक हवेली को संरक्षित किया जाएगा. इंटर कॉलेज बनाया जाएगा. पैतृक हवेली की नाप जोख भी की गई, लेकिन हकीकत में हवेली तक आने का रास्ता पक्का कर दिया और कुछ नहीं किया गया है.
-मुकेश कुमार वाजपेयी, परिजन

सीएम योगी यहां आए थे, उन्होंने बटेश्वर में विकास की गंगा बहाने का वादा किया था. कहा था कि यहां कोई असुविधा नहीं रहेगी. सीएम की घोषणा से विकास की उम्मीद जगी थी, लेकिन अभी हकीकत में कुछ नहीं है.
- रमेश चंद्र वाजपेयी, परिजन

भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी मूलता आगरा के बटेश्वर के रहने वाले थे. उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी ग्वालियर रियासत में नौकरी करते थे. अटल जी का जन्म ग्वालियर में 25 दिसंबर 1924 को हुआ था, लेकिन अटल जी की पांचवी तक की पढ़ाई बटेश्वर के प्राथमिक विद्यालय में हुई थी.
-जय प्रकाश गोस्वामी, महंत बटेश्वरनाथ

Last Updated : Aug 16, 2019, 1:51 PM IST

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