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कीचड़ वाले रास्तों से गांव तक कैसे पहुंचेगा विकास, ग्रामीणों की टूट रही आस - आगरा गांव की समस्या

आगरा के गांव उधन्नपुरा में गांव के लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. गांव में विकास के नाम पर कोई काम नहीं हुआ है. सड़कें गंदगी से अटी हुई हैं तो नालियां चोक पड़ी हैं. लोगों के घरों में नालों का गंदा पानी अक्सर घुस जाता है.

घरों में घुसा पानी
घरों में घुसा पानी

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Published : Feb 18, 2021, 4:06 PM IST

आगरा:जनपद के जैतपुर ब्लॉक क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत उधन्नपुरा गांव में ग्रामवासी नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. गांव के रास्तों पर तालाब का गंदा पानी भरने के कारण ग्रामीणों को समस्या से जूझना पड़ रहा है. उच्च अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान नहीं हो सका है.

गांव उधन्नपुरा में नहीं हुआ विकास.
यह है समस्याबता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ग्राम पंचायतों को स्वच्छ एवं साफ बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. गांव में विकास कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. विकास खंड के अधिकारी एवं पंचायत सचिव कितना विकास कार्यों पर ध्यान दे रहे हैं, यह तो ग्राम पंचायतों को देखने पर ही पता चल जाता है. गांव के पास स्थित तालाब का पानी ग्रामीणों के घरों तक पहुंच जाता है. ग्रामीण गंदगी रास्तों से होकर गुजरने को मजबूर हैं. बरसात के मौसम में स्थिति और भी ज्यादा खराब हो जाती है.

घर से निकलना हो जाता है मुश्किल

बरसात के मौसम में हालत इतनी बुरी हो जाती है कि लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है. बीते कई महीनों से गांव में सफाई तक नहीं हुई है. नालियां चौक पड़ी हैं. गंदगी के अंबार लगे हैं. गांव का तालाब उफान पर है. जल निकासी की कोई भी व्यवस्था नहीं है. अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ.

अधिकारी नहीं करते सुनवाई

ग्रामीण कृष्ण कुमार शर्मा, मीना देवी, पूनम शर्मा आदि ने बताया गांव की समस्या को लेकर आगरा से लेकर लखनऊ तक उच्च अधिकारियों शिकायत कर चुके हैं. इसके बाद भी उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है. खंड कार्यालय के अधिकारी दौरे पर आए, लेकिन उसके बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ. गांव की समस्याओं को लेकर जिला अधिकारी आगरा प्रभु नारायण सिंह को पिछले माह जनवरी में ग्रामीणों ने प्रार्थना पत्र दिया था. इसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है. ग्रामीणों का कहना है कि कोई भी गांव की समस्या को सुनने वाला नहीं है. ग्रामीण राम भरोसे हैं. उनकी आस टूट चुकी है.

ग्रामीणों को सता रहा बीमारियां फैलने का डर

गांव में उफनते तालाब और चौक नालियां से गांव के रास्ते पर कीचड़ फैली रहती है. इससे गांव में संक्रामक बीमारियां फैलने की आशंका बनी रहती है. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में सफाई व्यवस्था नहीं होने और सड़क पर कीचड़ होने के कारण मच्छर पैदा हो रहे हैं. इससे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि बीमारियां पैदा होने का डर है.

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