आगरा:नगर निगम के एक कर्मचारी ने बुधवार को सुसाइड नोट लिखकर जहर खा लिया. जब उसकी हालत बिगडी तो उसे तत्काल नाजुक हालत में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. कर्मचारी ने सुसाइड करने से पहले नगर आयुक्त के नाम एक पत्र लिखा है. जिसमें निगम के दो अधिकारियों की वजह से आत्मघाती कदम उठाने की बात लिखी है. नगर निगम परिसर में ही एक कर्मचारी ने पहले निगम की बिल्डिंग से भी कूदकर जान देने की कोशिश की थी. मगर, सहकर्मियों ने उसे समझाकर भेज दिया था. मगर, कर्मचारी घर नहीं पहुंचे. इसके बाद नगर निगम कर्मचारियों को उनकी हालत खराब होने की सूचना मिली. जिस पर कर्मचारी तत्काल देहली गेट स्थित एक निजी हॉस्पिटल पहुंच गए.
आगरा में सुसाइड नोट लिखकर बाबू ने खाया जहर, 2 अफसरों पर लगाया उत्पीड़न का आरोप - आगरा नगर निगम के कर्मचारी ने खाया जहर
आगरा में नगर निगम के कर्मचारी ने जहर खा लिया. कर्मचारी ने सुसाइड नोट पर दो अफसरों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है. वहीं, कर्मचारी का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है. जहां उसकी हालात नाजुक बनी हुई है.
गौरतलब है कि, नगर निगम के लोहामंडी जोन में तैनात लिपिक मनोज कुमार श्रीवास्तव ने जहर खाकर आत्महत्या का कदम उठाया है. इस आत्मघाती कदम को लेकर लिपिक मनोज कुमार ने अपनी व्यथा सुनाते हुए एक सुसाइड नोट भी लिखा है. जो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इस सुसाइड नोट की लिपिक ने प्रतिलिपि मुख्यमंत्री और पुलिस कमिश्नर आगरा के नाम भी भेजी है. अभी उसकी हालत नाजुक है. डॉक्टर्स उसकी जान बचाने में जुटे हुए हैं. लिपिक मनोज कुमार श्रीवास्तव के इस आत्मघाती कदम से नगर निगम अधिकारियों में खलबली मची हुई है.
लिपिक ने सुसाइड नोट में लिखा अपना दर्द:निजी अस्पताल में भर्ती लिपिक मनोज कुमार श्रीवास्तव ने सुसाइड नोट में लिखा है कि, नगर निगम के कर निर्धारण अधिकारी सुभाष चंद्र भारती, कर अधीक्षक सोवरत सिंह की कार्य पद्धति से परेशान होकर वो आत्महत्या कर रहा है. यह आत्महत्या नहीं, बल्कि मर्डर है. जिसकी जिम्मेदारी इन दोनों अधिकारियों की व्यक्तिगत रूप से है. सुसाइड नोट में लिखा है कि, उसके खिलाफ संजय गुप्ता ने शिकायती पत्र दिया है. जिसमें मुझ पर 5000 रुपए की मांगने का आरोप लगाया है. जबकि, संजय गुप्ता दलाली का कार्य करते हैं. सोवरत सिंह के माध्यम से वो नगर निगम में कार्य कराते हैं. कर्मचारी अभी तक इनसे लगभग 20 पत्रावलियों मेरे माध्यम से स्वीकृत करा चुके हैं.
हर हस्ताक्षर पर चाहिए नोट:लिपिक मनोज कुमार श्रीवास्तव ने लिखा है कि, वे 5 पत्रावलियां अभी भी मेरे पास हैं. हम जब पत्रावलियां तैयार करके इनके पास हस्ताक्षर कराने जाते हैं तो प्रत्येक हस्ताक्षर के लिए 100 रुपए और कर निरीक्षण अधिकारी 2 हजार रुपए पत्रावली मांगते हैं. जिससे ही पत्रावलियों में विलम्ब होता है. जबकि, दोनों लोगों की हठधर्मी के कारण आज मुझ पर ये आरोप लगे हैं. जो, बिलकुल गलत हैं. दोनों नगर निगम के कर्मचारियों कर शोषण कर रहे हैं. मैं आज अपनी व्यथा आपके सामने रखकर आत्महत्या जैसा कदम उठा रहा हूं. आपसे उम्मीद है कि, आप न्याय करेंगे और इनके खिलाफ ठोस कार्रवाई करेंगे.
सुसाइड नोट में लिखी शायरी:लिपिक मनोज कुमार श्रीवास्तव ने अपने सुसाइड नोट में शायरी भी लिखी हैं. उसने लिखा है कि,जाते-जाते आप दोनों के लिए एक शायरी है.
कफन में जेब नहीं होती, ना ही उम्र में अलमारी है
सारा मलबा यहीं रहेगा, आमाल आगे सबारी है
चंद सिक्कों के पीछे आप अपना ईमान न गवां देना
फिर और औन और यजीद पर देखो, आज भी लानत जारी है
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