आगरा: कोरोना का कहर ताजनगरी में नॉन कोविड मरीजों पर भी पड़ रहाम है. जिले के सरकारी और निजी अस्पतालों में कोरोना की दूसरी लहर के चलते करीब एक माह से सामान्य ऑपरेशन बंद है. सिर्फ इमरजेंसी ऑपरेशन हो रहे हैं. बाकी के मरीजों को चिकित्सकों से आगे की तारीख मिल रही है. जिले में अब तक करीब पांच हजार से ज्यादा ऑपरेशन टले चुके हैं. जिनमें पथरी, हार्निया, बच्चेदानी, मोतियाबिंद, बवासीर, अपेंडिक्स सहित अन्य सामान्य ऑपरेशन शामिल हैं, जो एसएन मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल के साथ ही शहर के निजी अस्पतालों में नहीं किए जा रहे हैं. जिससे मरीजों की दर्द और मर्ज बढ़ रहा है.
आगरा में कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह में दी. देखते ही देखते कोरोना संक्रमण ने कहर बरपाना शुरू कर दिया. जिले में हालात बेकाबू हुए तो सरकारी अस्पताल और निजी अस्पतालों में चिकित्सक तत्काल कोरोना संक्रमितों के उपचार में लग गए. एसएन मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में ओपीडी बंद हैं. यहां पर सिर्फ इमरजेंसी में भर्ती होने वाले मरीजों के ऑपरेशन किए जा रहे हैं. इस वजह से नॉन कोविड मरीजों के सामान्य ऑपरेशन बंद हैं.
चिकित्सक लगे कोविड मरीजों के उपचार में
सीएमओ डॉ. आरसी पाण्डेय ने बताया कि, जिले के सरकारी अस्पतालों में अभी कोरोना के मरीजों उपचार किया जा रहा है. इसलिए चिकित्सक सामान्य ऑपरेशन नहीं कर रहे हैं. मरीजों को आगे की तिथि दी जा रही है. जैसे ही हालात सुधरेंगे, वैसे ही सामान्य सर्जरी भी होने लगेगी. अभी कोरोना संक्रमण धीरे-धीरे घट रहा है.
कोविड-19 मरीजों का उपचार जरूरी
आईएमए के अध्यक्ष डॉ. राजीव उपाध्याय का कहना है कि, जिले में अधिकतर चिकित्सक कोरोना संक्रमण के इलाज में लगे हैं. क्योंकि, संक्रमितों की जान बचाना बेहद जरूरी है. जिले में करीब 80 सर्जन हैं. मगर, कोरोना संक्रमण के चलते सर्जन अभी कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इसी वजह से सामान्य ऑपरेशन टाले जा रहे हैं. इस वजह से चिकित्सक सामान्य ऑपरेशन वाले मरीजों को परामर्श के साथ दवाएं दे रहे हैं. इसके साथ ही तमाम मरीज भी इस समय के हालात में अपना ऑपरेशन कराने से बच रहे हैं.