आगरा: ताजनगरी में हर दिन बंदरों का आतंक बढ़ रहा है. बंदरों से शहर से लेकर देहात तक जनता परेशान हैं. हालात ऐसे हैं कि, बंदरों से जान और माल सुरक्षा के लिए लोग अपने घरों को पिंजरा बनाने को मजबूर हैं. उत्पाती और हमलावर बंदरों से मंदिर, मस्जिद, अस्पताल, ताजमहल और अन्य पर्यटन स्थल तक दहशत का माहौल है. लेकिन, जिम्मेदार वन विभाग, नगर निगम समेत अन्य विभाग बंदरों के बंदोबस्त को लेकर हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं, जिससे खूंगार बंदर आए दिन हमला करके बच्चे, युवा, महिला, पुरुष और बुजुर्ग को घायल और चोटिल कर रहे हैं. इतना ही नहीं बंदरों की वजह से आने वाले देशी और विदेशी पर्यटक भी सहमे सहमे रहते हैं, जिससे आगरा की छवि खराब हो रही है. मगर, अब इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिका से लोगों को बंदरों से निजात मिलने की उम्मीद बंधी है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर लिया संज्ञान
दरअसल, आगरा डेवलपमेंट फाउंडेशन के सचिव और वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन ने बंदरों के आतंक को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें राज्य सरकार, नगर निगम समेत नौ विभाग को विपक्षी बनाया है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ के न्यायमूर्ति प्रतींकर दिवाकर और आशुतोष श्रीवास्तव ने गत 19 जुलाई को जनहित याचिका पर संज्ञान लिया और सभी नौ विभाग को नोटिस दिया है, जिनसे 17 अगस्त तक जवाब तलब किया है.
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जनहित याचिका में यह मांग
आगरा की जनता को बंदरों के आतंक से मुक्ति दिलाने को मंकी रेस्क्यू सेंटर की स्थापना कराई जाए. बंदरों के लिए वन क्षेत्र में पीने के पानी की समुचित व्यवस्था की जाए, जिससे वे आबादी क्षेत्र में नहीं आए. ऐसा वन क्षेत्र विकसित किया जाए, जहां पर बंदरों के भोजन के लिए फलदार वृक्ष लगाए जाएं. रेस्क्यू करते समय बंदरों पर अत्याचार न हो. उन्हें सुरक्षित और वैज्ञानिक तरीक से रेस्क्यू सेंटर ले जाया जाए.
वहीं, आगरा डेवलपमेंट फाउंडेशन के सचिव और वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन का कहना है कि, आगरा शहर में 30 हजार से अधिक बंदर हैं. शहर में तेजी से बंदरों की संख्या बढ़ रही है. यहीं वजह है कि, शहर में बंदरों के बड़े-बड़े झुंड हैं. आगरा जिला अस्पताल, एसएन मेडिकल कॉलेज, नूरी गेट, लेडी लॉयल अस्पताल, कलेक्ट्रेट, मंटोला, दरेसी, किनारी बाजार, कोतवाली, जामा मस्जिद, आगरा किला, सिकंदरा, बेलनगंज, गोकुलपुरा, लोहामंडी, राजामंडी, रावतपाड़ा, सुभाष बाजार, घटिया आजम खां, माईथान, फुलटटी, पीपल मंडी, गोविंद नगर समेत अन्य क्षेत्र में बंदरों का आतंक है. बंदर आए दिन आक्रमण कर रहे हैं.