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आगरा: ओलावृष्टि प्रभावित क्षेत्र का विधायक ने लिया जायजा - ओलावृष्टि से प्रभावित क्षेत्र का पूर्व विधायक ने किया निरीक्षण

उत्तर प्रदेश के आगरा में शनिवार को हुई ओलावृष्टि से किसान को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. जहां पहले किसान अपनी फसल आवारा पशुओं से बचाते थे वहीं इस प्राकृतिक आपदा ने किसानों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं. फसल के नुकसान का आंकलन करने मौजूदा विधायक रामप्रताप सिंह चौहान और पूर्व विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह पहुंचे. धर्मपाल सिंह ने सरकार से किसानों के लिए समान दर से उचित मुआवजे की मांग की.

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ओलावृष्टि से प्रभावित क्षेत्र का पूर्व विधायक ने किया निरीक्षण

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Published : Mar 16, 2020, 3:39 AM IST

आगरा:किसानों ने दिन-रात जागकर आवारा पशुओं से अपनी फसलों को बमुश्किल बचा पाया था, लेकिन अब कुदरत की मार किसानों पर कहर ढा रही है. 15 दिनों के अंदर ही दूसरी बार हुई ओलावृष्टि और बारिश ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है. एत्मादपुर तहसील क्षेत्र में किसानों से मिलने पहुंचे मौजूदा विधायक रामप्रताप सिंह चौहान और पूर्व विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह ने ग्रामसभा स्तर पर फसलों में हुए नुकसान के आंकलन करने की मांग की. वहीं किसानों की मांग है कि सरकार फसलों के नुकसान का आंकलन कराकर एक समान दर से उन्हें उचित मुआवजा दें.

ओलावृष्टि से प्रभावित क्षेत्र का विधायक ने किया निरीक्षण
कई फसलें हुई पानी पानीएत्मादपुर विधानसभा क्षेत्र में शनिवार देर शाम ओलावृष्टि हुई. इसमें रबी की फसल में भारी नुकसान हुआ है. होली से पूर्व बेमौसम बारिश से आलू की खोदाई पूरी तरह रुक गई थी. शुक्रवार से पुनः आलू की फसल की खोदाई शुरू हुई, लेकिन शनिवार देर शाम पुनः बारिश होने से आलू, सरसो, गेहूं की फसल में भारी नुकसान होने की संभावना है.

मुआवजा पाने के लिए एकजुट होकर लड़नी होगी लड़ाई
पूर्व विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह ने कहा कि मुआवजा पाने के लिए किसानों को एकजुट होकर लड़ाई करनी पड़ेगी. तभी उन्हें उचित मुआवजा मिल पाएगा. अन्यथा की स्थिति में लीपापोती कर दी जाएगी. साथ ही उन्होंने मांग की कि नुकसान के आंकलन तहसील या ब्लॉक स्तर पर ना करके ग्रामसभा स्तर पर किया जाए, क्योंकि किसी-किसी ग्राम सभा में अत्यधिक ओलावृष्टि से ज्यादा नुकसान हुआ है.

गहने और जेवरात पहले ही साहूकारों को रखे गिरवी

किसानों के मुताबिक खेती की लागत या बचाव के लिए होली से पूर्व ही किसान अपने गहने और जेवरात साहूकारों को गिरवी रख चुके हैं. ऐसे में बेमौसम कुदरत की मार से किसान बुरी तरह टूट गया और अन्नदाता परिवार के भरण-पोषण के लिए मुसीबत झेलने के लिए मजबूर हो गया है. किसानों की मांग है कि सरकार फसलों में नुकसान का आंकलन कराकर एक समान दर से उन्हें उचित मुआवजा दे.

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