आगरा:यूपी में गांव से लेकर शहर तक मिलावट का खेल चल रहा है. दूध और उसके बने उत्पाद, तेल, रिफाइंड और मसालों में मोटा मुनाफा है. इसलिए इनमें खूब मिलवाट करके लोगों की जेब पर डाका और स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है. ये कारनामा अक्सर त्योहारी सीजन में ज्यादातर किया जाता है. इसी के चलते खाद्य सुरक्षा विभाग की टीमें भी एक्शन में रहती है और छापेमारी करती हैं. अगर, आगरा की बात करें तो खाद्य सुरक्षा विभाग की छापेमारी और सैंपल की रिपोर्ट चैंकाने वाली है. आगरा में दूध, दही, घी, खोआ, पनीर सभी में मिलावट है. यानी आप जो बाजार से दूध, दही, घी, खोआ और पनीर खरीद कर खा रहे है. वो सफेद जहर है, जो सिंथेटिक है और उसमें पाॅम ऑयल की मिलावट है. जबकि हालात ऐसे हैं कि अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में 400 से अधिक मुकदमे दायर हो चुके हैं. लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह है कि 2011 के बाद अभी तक किसी भी मिलावटखोर को सजा नहीं हुई है.
यूं ठंडे बस्ते में चली गई सख्त कार्रवाई
एफएसडीए सहायक आयुक्त अमित कुमार के मुताबिक, पहले मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती थी, जो भी मिलावट करते धरा जाता था. उससे जेल होने के साथ ही लाखों रुपए का जुर्माना भी वसूला जाता था. इसके बाद सन् 2011 में खाद्य सुरक्षा कानून में नए प्रावधान किए गए. जिससे इस कानून में सख्ती घट गई. इस वजह से ही साल 2011 के बाद से मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हो पानी है.
250 दूध के सैंपल में 169 सैंपल फेल
एफएसडीए सहायक आयुक्त अमित कुमार ने कहा कि आप जो दूध पी रहे हैं. वो कितना शुद्ध है. यह जानना जरूरी है. आगरा में बीते साल दस में खाद्य सुरक्षा विभाग ने 700 से ज्यादा बार दूध, पनीर और खोआ (मावा) की जांच के लिए छापेमारी कार्रवाई की. जिसमें दूध के 273 सैंपल लिए गए. इस वित्तीय वर्ष में जनवरी-2023 तक दूध सैंपल की जांच में 169 सैंपल फेल आए हैं. जो मानक के अनुरूप नहीं रही हैं. जिनमें नियामानुसार फैट नहीं है. अभी दूध में हानिकारक पदार्थ की रिपोर्ट नहीं आई है. इसको लेकर न्यायालय में वाद दायर किया गया है. इसके साथ ही इस वित्तीय वर्ष में खोआ के 55 सैंपल और पनीर के 56 सैंपल लिए गए हैं. इस साल जो खोआ और पनीर के सैंपल की रिपोर्ट आईं हैं. उनमें बीते वित्तीय वर्ष की कुछ रिपोर्ट शामिल हैं. इसलिए, इस वित्तीय वर्ष में पनीर के 62 सैंपल और खोआ के 61 सैंपल फेल हैं.