आगरा: दिल्ली किसान आंदोलन में हिस्सा लेने जा रही 'नर्मदा बचाओ' आंदोलन की अध्यक्ष मेधा पाटकर के काफिले ने बृहस्पतिवार को आगरा-ग्वालियर मार्ग पर धरना शुरू कर दिया है. धरने की वजह से हाईवे पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है. मेधा पाटकर और उनके काफिले के साथ आए दर्जनों किसान नेताओं को बुधवार देर शाम सैया पुलिस ने बॉर्डर पर रोक लिया था. मेधा पाटकर और उनका काफिला बॉर्डर पर ही रात्रि में विश्राम करने के बाद बृहस्पतिवार सुबह आगे बढ़ने का प्रयास करने लगे तो फिर पुलिस प्रशासन ने उन्हें रोक दिया. इसके बाद मेधा पाटकर के काफिले ने धरना देकर नारेबाजी शुरू कर दी.
आगरा-ग्वालियर हाईवे पर धरना देता मेधा पाटकर का काफिला. आगे नहीं बढ़ने दिया तो हाईवे पर ही करेंगे आंदोलन
काफिले के आगे बढ़ने से रोकने से गुस्साए मेधा पाटकर और साथियों ने आगरा-ग्वालियर हाईवे जाम कर वहीं पर धरने पर बैठ गए. शासन और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे. मेधा पाटकर का कहना है कि उन्हें अगर आगे बढ़ने नहीं दिया जाएगा तो वे मार्ग को जाम कर यहीं पर आंदोलन करेंगे.
जिला प्रशासन मेधा पाटकर को समझाने में लगा
आगरा-ग्वालियर पर वाहनों की आवाजाही ठप. मेधा पाटकर के काफिले द्वारा धरना दिए जाने से आगरा-ग्वालियर मार्ग पर आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है. हाईवे पर दोनों ओर वाहनों की लंबी-लंबी लाइन लग गई है. आगरा जिला प्रशासन वाहनों को डायवर्ट कर निकालने की कोशिश में लगा हुआ है. वहीं मेधा पाटकर का काफिला आगे जाने की जिद पर अड़ा हुआ है. काफिले में शामिल पुरुष-महिलाएं जमकर नारेबाजी कर रही हैं. सीओ खेरागढ़ प्रदीप कुमार और एसडीएम खेरागढ़ अंकुर कौशिक मौके पर मेधा पाटकर को समझाने में लगे हुए हैं. मेधा पाटकर के काफिले को जिला प्रशासन ने सैया बॉर्डर रोका
बता दें कि 'नर्मदा बचाओ' आंदोलन की अध्यक्ष मेधा पाटकर के काफिले को बुधवार देर शाम आगरा के सैया बॉर्डर पर रोक लिया गया. मेधा पाटेकर का काफिला दिल्ली में दो दिवसीय किसान आंदोलन में भाग लेने के लिए दिल्ली जा रहा था. दिल्ली में 26 और 27 नवंबर को नए कृषि कानून के विरोध में तमाम किसान संगठनों ने जाने के का एलान किया था. इसी को लेकर 'नर्मदा बचाओ' आंदोलन की अध्यक्षा मेधा पाटकर 150 किसानों के काफिले के साथ बुधवार को ग्वालियर से रवाना हुई थीं.