आगराःताजनगरी में जी20 देशों के प्रतिनिधियों की शनिवार की बैठक में महिला सशक्तीकरण पर चर्चा हुई. इस बैठक में देश की पहली एमबीए सरपंच छवि राजावत ने भी अपना प्रजेंटेशन दिया. राजस्थान के टोंक जिले की सोढा ग्राम पंचायत की सरपंच छवि राजावत ने बताया कि उन्होंने कैसे गांव के विकास के लिए विदेश की नौकरी छोड़ी और सरपंच बनीं. फिर, दस साल के कार्यकाल में क्या-क्या कार्य किए? उनके सामने क्या चैलेंज आए और उन्होंने इसका निदान कैसे किया.
ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में छवि राजावत ने कहा कि वे मानती हैं कि आज देश में तमाम योजनाएं है, जो महिला और किशोरियों की दशा-दिशा बदलने वाली हैं. आज उनके सामने ढेर सारे मौके हैं, बस उन्हें भुनाना है. जी20 की बैठक में महिला सशक्तीकरण पर मंथन से दुनियां में आवाज बुलंद होगी.
छवि राजावत ने बताया कि उन्होंने दस साल के अपने सरपंची कार्यकाल में किशोरी और महिलाओं को लेकर कौन-कौन से कार्य किए? कितना ग्राम पंचायत में बदलाव आया? कौन-कौन की नई पहल की? जिससे समाज में बदलाव आया है. यह उनका मुख्य प्रजेंटेशन था. उनका मानना है कि आज देश और प्रदेश सरकारों की ओर से ऐसी तमाम योजनाएं और नीतियां हैं, जो महिलाओं के लिए हैं. किशोरियों के लिए बेहद उपयोगी हैं.
डिजिटल इंडिया के बारे में बात करते हुए छवि ने कहा कि डिजिटल इंडिया से सभी को फायदा मिला है. आज हर गांव में बैंकिंग सुविधा पहुंची है. महिलाओं के बैंक में खाते हैं. पहले शिक्षा बेहतर नहीं थी. स्किल का कोई मंच नहीं था. आज सब कुछ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मौजूद है, जिससे एक खाई भरी है. हर गांव तक इंटरनेट पहुंच रहा है. इससे ग्रामीण क्षेत्र में नजरिया बदल रहा है. ग्रामीणों को सोचना और समझना चाहिए. अब अवसर बहुत हैं. उन्हें पहचानने की जरूरत है.
सरकार दे रही महिला नेतृत्व को बढ़ावाःछवि राजावत ने देश में महिला नेतृत्व को लेकर कहा कि जब किसी देश की ग्रो स्टोरी की बात होती है तो उसमें जीडीपी की बात होती है. इसमें पुरुष के साथ महिलाएं भी अच्छे से कंट्रीब्यूट कर सकती हैं या कर रही हैं. मुझे इस समिट में यह महसूस हुआ है कि हमारी सरकार का जो विजन है. उसमें महिला के नेतृत्व को बढ़ावा दिया जा रहा है. तमाम ऐसे क्षेत्र हैं. जो ग्रामीण हैं. शहर से दूर हैं. महिलाएं और बच्चियां जो शहर से दूर हैं. वहां पर पर्याप्त संसाधन नहीं हैं. उन्हें भी मेन स्ट्रीम में लेकर आएं. वहां पर भी प्राइवेट क्षेत्र के जो पिलर हैं. डिजिटल प्लेटफार्म हैं. उनके जरिए उन्हें बढ़ावा दिया जाए.