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आगरा: शहीद के परिवार ने रखी डेढ़ माह में शहीद स्मारक बनाने की मांग

शहीद परिवार ने डेढ़ माह में शहीद की समाधि स्थल को शहीद स्मारक के रूप में विकसित करने की मांग की है. बता दें कि शहीद कौशल कुमार रावत 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हो गए.

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Published : Feb 17, 2019, 12:10 AM IST

शहीद परिवार

आगरा: पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए आगरा के लाल कौशल कुमार रावत के बेटे ने जिला प्रशासन और सरकार को डेढ़ माह के समय में शहीद स्मारक बनाने की मांग की है. शहीद कौशल कुमार रावत के बेटे अभिषेक का कहना है कि डेढ़ माह में जिला प्रशासन और सरकार हमारे शहीद पिता के समाधि स्थल को शहीद स्मारक के रूप में विकसित करें. वहां पर पार्क बनाया जाए और उस स्मारक में पिता जी की मूर्ति लगाई जाए.

शहीद के परिवार ने डेढ़ माह में शहीद स्मारक बनाने की मांग रखी है.

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को आतंकियों के कायराना हमले में आगरा के ताजगंज थाना क्षेत्र के कहरई गांव निवासी सीआरपीएफ के जवान कौशल कुमार रावत शहीद हो गए थे. शनिवार सुबह उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो गांव में कोहराम मच गया. शहीद कौशल कुमार रावत की अंतिम यात्रा में यात्रा में जनसैलाब उमड़ा पड़ा. चारों तरफ से कौशल कुमार जिंदाबाद, जब तक सूरज चांद रहेगा कौशल तुम्हारा नाम रहेगा, जैसे नारे गूंज रहे थे.

ईटीवी ने जब कौशल कुमार रावत के बड़े बेटे अभिषेक और छोटे बेटे विशाल से बात की तो उन्होंने कहा कि पिताजी के समाधि स्थल को शहीद स्मारक बनाने के लिए हमने हमारे परिवार ने पैतृक जमीन दी है. जिला प्रशासन ने समाधि स्थल को शहीद स्मारक के रूप में विकसित करने का आश्वासन दिया है. इस पर मैंने जिला प्रशासन और सरकार को डेढ़ माह का समय दिया है.

शहीद के बेटे अभिषेक से जब परिवार की सरकार से मांग के बारे में सवाल पूछा गया तो अभिषेक ने बताया कि हमारी सरकार से सिर्फ दो ही मांग हैं. पहली मांग पर जिला प्रशासन और सरकार ने जल्द ही शहीद स्मारक बनाने का आश्वासन दिया है. दूसरी मांग हमारी यह है कि मैं रशिया में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रहा हूं. छोटा भाई है वह यही पढ़ रहा है. हम दोनों की की पढ़ाई का खर्चा सरकार उठाए.

अभिषेक का कहना है कि एमपी हरियाणा राजस्थान में सरकारों की प्रदेश सरकार की ओर से शहीद के परिवार को एक-एक करोड़ रुपए और नौकरी दी जाती है. जब हम भारत में रहते हैं तो फिर एमपी राजस्थान और हरियाणा की तरह यूपी में शहीद के परिवारों को एक करोड़ रुपए और नौकरी नहीं मिल सकती है. इस बारे में भी सरकार को सोचना चाहिए. वहीं शहीद कौशल कुमार रावत की बेटी अपूर्वा ने कहा कि आर्मी और पैरामिलिट्री फोर्स के बीच बने अंतर को खत्म किया जाए सभी को बराबर सुविधाएं दी जाएं.

इस बारे में प्रदेश के कैबिनेट मंत्री एसपी सिंह बघेल ने बताया कि परिवार की ओर से शहीद स्मारक बनाने के लिए पैतृक जमीन दी गई है. अब क्षेत्रीय विधायक और सांसद इस जगह शहीद कौशल कुमार रावत का शहीद स्मारक बना कर तैयार करेंगे. शहीद स्मारक बनाने में पैसे की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी. जल्दी इसकी ई टेंडरिंग हो जाएगी. इसके बाद काम शुरू हो जाएगा.


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