आगरा: पुलिस और एंटी नारकोटिक्स टॉस्क फ़ोर्स ने संयुक्त रूप से कार्यवाही कर गांजे की एक बड़ी खेप को पकड़ा है. बाजार में इसकी अनुमानित कीमत 97 लाख रुपये के आस-पास है. तस्कर इसे लग्जरी कार की डिग्गियों में छुपा कर ला रहे थे. डीसीपी सिटी सूरज राय ने शुक्रवार को बताया कि छत्तीसगढ़ के जगदलपुर से दो लग्जरी कार के अंदर 190 किलो 550 ग्राम गांजे की खेप बोरे में छुपाकर लायी जा रही थी. जिसकी डिलिवरी आगरा में होनी थीं.
थाना मंटोला पुलिस और एंटी नारकोटिक्स टॉस्क फोर्स ने गुरुवार की रात मुखबिर से सूचना मिलने के बाद दो लग्जरी कार को गश्त के दौरान पकड़ लिया. जिसकी डिग्गियो में 190 किलो 550 ग्राम गांजा छुपाकर लाई जा रही थी. इन गाड़ियों में देवेंद्र नागर निवासी फरीदाबाद, चंद्रपाल पहलवान निवासी अलीगढ़, दीपक कुमार निवासी फरीदाबाद, कन्हैया कुमार निवासी अलीगढ़ और दिलीप कुमार निवासी राया मथुरा मौजूद थे. पुलिस ने सभी को हिरासत में लेकर तलाशी ली. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि सभी पेशेवर तस्कर हैं. आगरा में गांजे की डिलीवरी होनी थीं. लेकिन, इससे पहले ही पुलिस ने आरोपियों को पकड़ लिया. पुलिस ने आरोपियों से यूपी और हरियाणा नंबर की दो लग्जरी कार के साथ पांच मोबाइल बरामद किए हैं. सभी गिरफ्तार आरोपियों का आपराधिक इतिहास है. इसमे तस्करी के सबसे अधिक मुकदमे दर्ज हैं.
डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि पकड़े गए गांजे की बाजार में कीमत 97 लाख रुपये के करीब हैं. 190 किलो ग्राम गांजे की खेप आगरा में खपाई जानी थीं. आरोपियों ने पूछताछ में गांजे की डिलीवरी लेने वाले व्यक्ति का नाम भी लिया हैं. उसे पुलिस ने मुकदमे में वांछित दिखाया हैं. सभी आरोपियों के विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट में कार्यवाही की गई हैं. गांजे की इतनी बड़ी खेप का बरामद होना इशारा करता हैं कि, शहर में किस प्रकार युवा सूखे नशे की जद में आकर अपना जीवन बर्बाद कर रहे हैं.लेकिन, पुलिस और एंटी नारकोटिक्स टॉस्क फोर्स की प्रभावी कार्यवाही ताजनगरी में बैठे नशे के सौदागरों के मंसूबो पर लगातार पानी फेर रही हैं. इससे अवैध मादक प्रदार्थों की खरीद-फरोख्त के कारोबार का ग्राफ लगातार गिरता जा रहा हैं.