आगरा :ताजनगरी की बहुचर्चित मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी डकैती कांड का मास्टरमाइंड हिस्ट्रीशीटर लाला उर्फ नरेंद्र अभी पुलिस की 'पहुंच' से दूर है. एडीजी आगरा ने लाला पर घोषित इनाम को 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख कर दिया है. पुलिस टीमें लगातार फरार लाला और उसके दो अन्य साथियों की तलाश में संभावित स्थानों पर दबिश दे रहीं हैं. वहीं, इस कांड में शामिल बदमाश प्रभात शर्मा ने पुलिस दवाब के कारण थाना कमला नगर में आत्मसमर्पण कर दिया है.
दरअसल, इस डकैती कांड के दिन ही पुलिस से मुठभेड़ में दो बदमाश ढेर हो चुके हैं. मगर, पुलिस के लिए अब फरार मास्टरमाइंड लाला सिरदर्द बन गया है. पुलिस की दो टीमें लाला की तलाश में चार दिन से दिल्ली और एनसीआर में डेरा डाले हुए हैं. पुलिस को यह भी डर सता रहा है कि कहीं चकमा देकर लाला अन्य मुकदमों में जेल न चला जाए. इसलिए आगरा पुलिस ने आसपास के जिले और राज्य की पुलिस को भी अलर्ट किया है.
मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी डकैती कांड यह था मामला
बता दें कि 17 जुलाई 2021 को दिनदहाड़े कमला नगर स्थित मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी की शाखा में सात बदमाशों ने मिलकर करीब साढ़े नौ करोड़ का डाका डाला था. पुलिस ने वारदात के बाद घेराबंदी की.
ज्वैलरी में जीपीएस से लोकेशन मिलने पर एत्मादपुर में खंदौली मार्ग पर पुलिस और लूट की वारदात करके भागे दो बदमाशों की भिड़ंत हो गई. दोनों ओर से गोलियां चलीं. इसमें फिरोजाबाद निवासी मनीष पांडेय और निर्दोष सिंह घायल हो गए.
दोनों ने मेडिकल स्टोर से पुलिस पर गोलियां चलाईं थीं. इलाज के दौरान मनीष और निर्दोष की मौत हो गई. पुलिस ने दोनों के पास मिले बैग को खंगाला तो सात किलोग्राम से ज्यादा सोने के गहने और रुपये बरामद हो गए.
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एक लाख रुपये का इनामी बना लाला
एडीजी राजीव कृष्ण ने बताया कि मणप्पुरम गोल्ड डकैती कांड का मास्टरमाइंड फिरोजाबाद का हिस्ट्रीशीटर नरेंद्र उर्फ लाला है. वह अभी दो अन्य साथियों के साथ फरार है. लाला के गिरोह ने ही वारदात को अंजाम दिया था. लाला पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है. लाला और उसके साथी अंशुल और रेनू शर्मा की तलाश जारी है. आगरा पुलिस की छह टीम संभावित स्थानों पर दबिश दे रहीं हैं. दिल्ली-NCR में भी पुलिस टीमें खोजबीन कर रही हैं.
पुलिस को चकमा दे जा सकता है जेल
बता दें कि एक लाख का इनामी फरार हिस्ट्रीशीटर लाला बेहद शातिर है. पहले ही उसके दो भाई भी पुलिस मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं. एक भाई और बहन का भी आपराधिक इतिहास है. अभी दोनों जेल में हैं. वहीं, पुलिस से बचने में लाला माहिर है. आगरा पुलिस को अब यह आशंका है कि लाला किसी दूसरे मुकदमे में जेल जा सकता है. इसलिए आगरा पुलिस अधिकारियों ने आसपास के जिलों की पुलिस को अलर्ट कर दिया है.
एक आरोपी ने किया समर्पण
राज्य की सबसे बड़ी मणप्पुरम गोल्ड फाइनेंस डकैती कांड में शामिल बदमाश प्रभात शर्मा ने पुलिस दवाब के कारण थाना कमला नगर में आत्मसमर्पण कर दिया. पुलिस को आरोपी प्रभात से इस मामले में अहम सुराग भी हाथ लगे हैं. पुलिस फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी है. बताया जाता है कि घटना में वांछित प्रभात शर्मा पर 25 हज़ार का इनाम था.
पुलिस ने आरोपी प्रभात से घंटों पूछताछ की है. इस दौरान उसने कई अहम सुराग दिए हैं. आईजी नवीन अरोड़ा इस पूरे मामले की स्वयं मॉनिटरिंग कर रहे है. प्रेसवार्ता में आईजी ने इस डकैती की घटना से जुड़े अहम सुराग मीडिया के साथ साझा किए. बताया कि शातिर प्रभात शर्मा ने वारदात वाले दिन मणप्पुरम शाखा की सबसे पहले रेकी की थी.
उसके बाद कुख्यात मनीष पांडे, निर्दोष प्रजापति ओर नरेंद्र उर्फ लाला के साथ अन्य बदमाश मणप्पुरम शाखा में दाखिल हुए थे. प्रभात शर्मा पुलिस पर नज़र रखने के लिए मणप्पुरम शाखा के बाहर पहरा दे रहा था. पुलिस पूछताछ में प्रभात ने सोना लेकर फरार हुए अज्ञात बदमाशों के नाम भी पुलिस के सामने उजागर किए हैं.
इस पूरी घटना में 7 बदमाश शामिल थे. इसमें मुख्य मास्टरमाइंड मनीष पांडे ओर नरेंद्र उर्फ लाला था. इसमें मनीष ओर निर्दोष का पुलिस ने वारदात वाले दिन ही एत्मादपुर के बरहन में एनकाउंटर कर दिया था. लेकिन पुलिस के पास सीसीटीवी के आधार पर नरेंद्र उर्फ लाला के अलावा कोई और सुराग हाथ नहीं था.
प्रभात ने उगले कई राज
प्रभात के राज उगलने के बाद सभी बदमाशों के चेहरे उजागर हो गए हैं. इसमें नरेंद्र उर्फ लाला, संतोष जाटव, रेनू पंडित उर्फ अवनीश मिश्रा और अंशुल के नाम सामने आए हैं. इनकी तलाश में पुलिस की कई टीम विभिन्न राज्यों में दबिश दे रही है. पुलिस की एक टीम नरेंद्र की तलाश में दिल्ली में भी डेरा डाले हुए है.
इस वारदात में शामिल प्रभात शर्मा मूल रूप से फिरोजाबाद के रशिदपुर कनेटा का निवासी है. उसकी मनीष से पहचान सेनेट्री इंस्पेक्टर कोर्स के दौरान हुई थी. मनीष का भाई सतीश, प्रभात का मित्र था. वही एनकाउंटर में मारा गया. निर्दोष प्रजापति प्रभात का सहपाठी था. दोनों ने एक साथ डबरई और शिकोहाबाद में इंटर तक पढ़ाई की थी.
प्रभात एक साल से आगरा में रह रहा था. वह 6 महीने खंदारी और 6 महीने लोहामंडी के मदिया कटरा में किराए पर रहा है. वारदात अंजाम देने से पहले मनीष, प्रभात के कमरे पर ही रुका था. वहीं से दोनों रेकी करने जाते थे.
डकैती के लिए चुनी थी तीन जगह
आई जी नवीन अरोड़ा ने बताया कि कुख्यात बदमाशों ने डकैती को अंजाम देने के लिए तीन जगह एक महीने तक रेकी की थी. इसमें सबसे पहली रेकी नोएडा के सेक्टर-34 स्थित मणप्पुरम गोल्ड लोन शाखा की गई थी. उसके बाद बदमाशों ने मणप्पुरम की ही भगवान टॉकीज और कमला नगर शाखा की रेकी की जिसके बाद सभी ने सलाह मशविरा कर मणप्पुरम की कमला नगर शाखा को अपना निशाना बनाया.
घटना के 20 दिन पहले और वारदात वाले दिन भी रेकी की गई जिसके बाद बदमाश बेखौफ मणप्पुरम गोल्ड लोन फाइनेंस में डाका डाला. बताया जाता है कि एनकाउंटर में ढेर हुआ मनीष पांडे फिरोजाबाद के उत्तरी थाने से हत्या के मुकदमे में जेल जा चुका था.