चमड़ें की कतरन ने रोकी लोगों की जिंदगी - आगरा
आगरा की खतैना लोहामंडी में राजीव गांधी नगर के लोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है. वजह है नाले में जमी चमड़े की कतरन. इसकी वजह से नाले की पुलिया चोक हो गई है और लोगों के घर में नाले का पानी घुस गया है.
नाली हुई चोक
आगरा:जिले के वार्ड-7 के खतैना लोहामंडी में राजीव गांधी नगर के लोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है. वजह है नाले में जमी चमड़े की कतरन, जिसकी वजह से नाले की पुलिया चोक हो गई है और लोगों के घर में नाले का पानी घुस गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि गंदे पानी की वजह से वे लोग सांस भी नहीं ले पा रहे हैं. लोगों और पार्षद की शिकायत करने पर 24 घंटे बाद पानी निकाला जा सका.
स्थानीय लोगों ने अपने-अपने घरों से गंदे पानी को रात भर निकाला, तब जाकर लोग घरों में गए. क्षेत्रवासियों ने बताया कि नाले की पुलिया का मुंह छोटा होने के कारण चमड़े की कतरन से नाला चोक हो जाता है. स्थानीय निवासी प्रेमवती का कहना है कि उन्होंने सुबह 3 बजे तक गंदे पानी को घर से निकाला. इसकी वजह से घर में बच्चों और बड़ों को खाना तक नसीब नहीं हो पाया.
नाले में मृत जानवरों से है बीमारी का खतरा
स्थानीय निवासी ओमवती का कहना है कि राजीव गांधी नगर खतैना लोहामंडी में नाला हमेशा गंदगी से भरा रहता है. नाले में मृत जानवर तैरते रहते हैं. नाला चोक होने के कारण उसमें मक्खियां, मच्छर और कीड़े पनपते रहते हैं. इससे बीमारियों का खतरा भी बना रहता है.
घरों में घुसा था दो फीट तक पानी
स्थानीय निवासी शकुंतला का कहना है कि नाला चोक हो जाने के कारण घरों में दो फीट तक पानी भर गया था. इसकी वजह से आने-जाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. उन्होंने बताया कि ऐसे में अगर किसी मरीज को हॉस्पिटल तक ले जाना पड़े तो भी नहीं निकल सकते.
अंग्रेजों के जमाने से है पुलिया
वार्ड नंबर-7 के पार्षद प्रवीण कुमार त्रिवेदी ने बताया कि यह पुलिया अंग्रेजों के जमाने से थी. इसका मेनहोल पहले तो बड़ा था, लेकिन उस समय यह नहर थी. बसावट होने के बाद यह नाला बन गया. इसकी वजह से लेडीस चप्पल बनाने वाले लोग चमड़े की कतरन को नाले में फेंक देते हैं और नाला चोक हो जाता है. वहीं, उन्होंने बताया कि नाला चोक होने के कारण लोगों के घरों में पानी भर गया था, जिससे वह बीमार भी पड़ गए थे.
एक बच्चे की हो चुकी है मौत
पार्षद ने यह भी बताया कि कई बार चोक नाला और टूटी बाउंड्रीवॉल की शिकायत नगर निगम में की गई है. इसके बाद भी नगर निगम के अधिकारियों ने कोई भी एक्शन नहीं लिया. टूटी बाउंड्रीवॉल के कारण कई साल पहले एक बच्चे की मौत भी हो गई थी. बावजूद इसके नगर निगम ने बाउंड्रीवॉल का निर्माण नहीं कराया, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है.