आगरा: अभिनेत्री कंगना राणावत के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कराने के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत (सीजेएम कोर्ट) में प्रार्थनापत्र दाखिल किया गया था, जिस मामले में नया मोड़ आया है. दरअसल उक्त मामले में मंगलवार को अधिवक्ता ने अपना प्रार्थना-पत्र वापस ले लिया है, इसलिए इस प्रार्थना-पत्र पर मंगलवार को सुनवाई नहीं हो सकी है. दरअसल अधिवक्ता ने कंगना राणावत के एक ट्वीट को मुकदमे का आधार बनाया था.
आगरा: कंगना पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की याचिका वकील ने ली वापस - Actress Kangana Ranaut
अभिनेत्री कंगना राणावत के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज करने के प्रार्थना पत्र को अधिवक्ता ने वापस ले लिया है. बता दें कि आगरा जिले के अधिवक्ता ने कंगना राणावत के एक ट्वीट को मुकदमे का आधार बनाया था.
जिले के भीमनगर (जगदीशपुरा) निवासी अधिवक्ता नरेंद्र सोनी ने बीते सितम्बर माह में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत (सीजेएम कोर्ट) में एक प्रार्थनापत्र दिया था, जिसमें लिखा है कि 27 अगस्त को अभिनेत्री कंगना राणावत ने अपने ट्विटर एकाउंट से एक ट्वीट किया था, जिसमें लिखा था कि आधुनिक भारतीयों ने जाति व्यवस्था को अस्वीकार कर दिया है. छोटे शहरों में हर कोई जानता है कि कानून के तहत यह स्वीकार नहीं है, फिर भी कुछ लोगों को खुश करने के लिए यह शर्मनाक तरीका है, सिर्फ हमारे संविधान में आरक्षण के रूप में इसको बरकरार रखा है.
दोबारा प्रस्तुत करेंगे प्रार्थना-पत्र
अधिवक्ता नरेंद्र सोनी ने अपने प्रार्थना पत्र में कहा था कि अभिनेत्री कंगना राणावत का यह ट्वीट संविधान में उनकी आस्था न होने और जाति विशेष की भावनाओं को भड़काने वाला है, इसलिए उनके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए. अधिवक्ता नरेंद्र सोनी का कहना है कि अब मामले में और मजबूत साक्ष्य जुटाकर उनके द्वारा दोबारा प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किया जाएगा.