आगरा:ताजनगरी आगरा में आज कूड़े से बिजली बनाने के प्लांट का शिलान्यास सीएम योगी वर्चुअल रूप से करेंगे. इस प्लांट से प्रतिदिन 500 मीट्रिक टन कूड़े से 10 मेगावाट बिजली बनेगी. जिससे एक ओर जहां पर्यावरण प्रभावित नहीं होगा. वहीं, कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण भी होगा.
आगरा नगर निगम ने कूड़े से बिजली (वेस्ट टू एनर्जी) बनाने के प्लांट का ब्यौरा मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दिया है. प्लांट की जमीन को समतल करने और बाउंड्रीवाल का काम तेजी से हो रहा है. क्योंकि, नए साल में सीएम योगी आगरा के 280 करोड़ रुपये से निर्माणाधीन वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का लखनऊ से वर्चुअल रूप से शिलान्यास करेंगे.
जानकारी देते महापौर नवीन जैन. दरअसल, अक्टूबर-2017 में चेकोस्लोवाकिया (चेक रिपब्लिक) की कंपनी स्पार्क ब्रेसन ने ताजनगरी में कूड़ा से बिजली बनाने की पैरवी की थी. कंपनी ने आगरा के कुबेरपुर स्थित लैंडफिल साइट पर प्रोजेक्ट लगाने की पेशकश की थी. कंपनी ने उस समय 175 करोड़ की लागत से प्लांट लगाने की अपनी योजना नगर निगम के साझा की थी. इसमें नगर निगम का एक भी रुपये खर्च नहीं होगा. कंपनी कूड़े से बिजली बनाकर के उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन को बेचेगी. प्लांट में हर दिन आगरा का 500 मीट्रिक टन कूड़ा से 10 मेगावाट बिजली बनेगी. आगे फिर प्लांट की क्षमता बढ़ाकर 750 मीट्रिक टन की जाएगी. जिससे हर दिन 15 मेगावाट बिजली बनेगी. प्लांट की लागत अब 175 करोड़ रुपए से बढ़कर 288 करोड़ पर हो गई है.
17 विभागों की NOC की प्रक्रिया लगभग पूरी
आगरा महापौर नवीन जैन का कहना है कि वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाए जाने में सबसे बड़ी बाधा तमाम विभागों की एनओसी थी. जो अब हमें मिल रही हैं. लगभग 17 विभागों की एनओसी की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. इसके साथ ही कुबेरपुर लैंडफिल साइट पर वेस्ट टू एनर्जी प्लांट बनाने जाने का काम भी शुरू हो गया है. जमीन चिन्हित करके उसे समतल किया जा रहा है और फिर वहां सड़कें बनेंगी. बड़ी-बड़ी मशीनें लगाई जाएंगी. लगभग 2 वर्ष में यह प्लांट लग जाएगा. यह प्लांट एक छोटा बिजलीघर की तरह होगा. यहां पर हर दिन शहर के कूड़े से 10 मेगावाट बिजली बनेगी. सीएम योगी लखनऊ से वर्चुअल रूप से इसका शिलान्यास करेंगे. लखनऊ में जनवरी-2022 में एक बड़ा कार्यक्रम होना है. जिसमें आगरा और कानपुर की विकास योजनाओं का शिलान्यास सीएम योगी करेंगे. महापौर नवीन जैन ने बताया कि सीएम कार्यालय को मांगी गई सभी जानकारियों को भेज दी गई है और शिलान्यास कार्यक्रम की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है.
फरवरी-2021 में मिली थी सुप्रीम कोर्ट से अनुमति
आगरा महापौर नवीन जैन ने बताया कि, आगरा नगर निगम के कुबेरपुर लैंडफिल साइट पर कूड़े से बिजली बनाने के प्लांट की सुप्रीम कोर्ट से अनुमति 18 फरवरी 2021 को मिली थी. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एस. ए. बोबडे की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय पीठ ने कूड़े का निपटारा करना पर्यावरण के लिए जरूरी बताया था. इस मामले में सॉलिसिटर तुषार मेहता ने पैरवी की थी. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया था कि, नेशनल एनवायरमेंट एंड इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी) के साथ ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की टीम ने कूड़े से बिजली बनाने के प्लांट पर कोई आपत्ति नहीं दी है. नीरी के सुझाव के मुताबिक ही काम होगा. यूं बनेगी कूड़े से बिजली नगर निगम और स्पार्क ब्रेसन कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि, पहले कचरे को एक वेल में डाला जाएगा. वहां पर कचरा जलेगा. जिससे बॉयलर में रखा पानी गर्म होगा. पानी की भाप ऊर्जा से टरबाइन चलेगी. टरबाइन घूमने से बिजली पैदा होगी. इस प्लांट में हर दिन 3 एमएलडी पानी की जरूरत होगी. इसको लेकर नगर निगम और जल निगम ने मिलकर पीलाखार एसटीपी से लाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया है.
ताज ट्रिपेजियम जोन (टीटीजेड) में कूड़े से बिजली (वेस्ट टू एनर्जी) बनाने के प्लांट की शुरुआत हो चुकी है. यह यूपी का पहला प्लांट हैं. यह प्रोजेक्ट आगरा नगर निगम के लिए फायदे का सौदा है. क्योंकि, वेस्ट टू एनर्जी प्लांट से कचरा का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण होगा. शहर और लैंडफिल साइट पर बन रहे कूड़े के पहाड़ बनने से मुक्ति मिलेगी और एक भी रुपया खर्च नहीं होगा.
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