आगराःटी-20 वर्ल्ड कप आगरा के लिए बहुत खास है. भारतीय क्रिकेट टीम में आगरा के राहुल चाहर शामिल हैं. उम्मीद की जा रही है कि अंतिम अकादश में राहुल चाहर पाकिस्तान के खिलाफ खेलें. इसको लेकर आगरा के क्रिकेट प्रेमियों के साथ ही परिवार भी उत्साहित है.
ईटीवी भारत से राहुल चाहर के कोच और ताऊजी लोकेंद्र चाहर और पिता देशराज चाहर ने बातचीत की. उन्होंने बताया कि, बड़े भाई दीपक चाहर को देखकर राहुल चाहर में क्रिकेट की ललक जगी. पहले राहुल भी दीपक चाहर की तरह तेज गेंदबाजी करता था. कोच को उसकी तेज गेंदबाजी पसंद नहीं थी. एक दिन राहुल ने जब दीपक को लेग ब्रेक बाॅल की. जिसने राहुल को फास्ट बाॅलर से लेग स्पिनर बना दिया. ़
राहुल का बालकनी से पवेलियन तक का सफर
कोच और ताऊजी लोकेंद्र चाहर ने बताया कि एयरफोर्स से जब वह वीआरएस लेकर आगरा आए तो घर के सामने ही एकेडमी में दीपक चाहर को अभ्यास कराते थे. तब राहुल चहर छोटे थे. वह बालकनी में बैठकर यह सब देखते रहते थे. इससे पता चला कि राहुल की क्रिकेट में दिलचस्पी है. उन्होंने छोटे भाई देशराज से कहा कि, राहुल को भी क्रिकेट खिलाएंगे. इस तरह राहुल क्रिकेट के मैदान में आ गए.
लोकेंद्र चाहर बताते हैं कि करीब आठ साल की उम्र में पहली बार राहुल ने क्रिकेट की गेंद उठाई थी. राहुल भी दीपक की तरह ही तेज गेंदबाजी करता था. मगर वह उसकी गेंदबाजी से खुश नहीं थे. एक दिन नेट के दौरान राहुल चाहर ने दीपक के आगे एक बेहतरीन गेंद की, जो लेग ब्रेक थी. इस पर दीपक ने मुझे दीपक की लेग ब्रेक के बारे में बताया. इसके बाद राहुल से लेग ब्रेक बाॅल कराई तो उसकी कलाई अच्छी चल रही थी. गेंद भी सही तरह से रिलीज हो रही थी. इस पर उन्होंने उसे लेग स्पिनर बनने की ट्रेनिंग शुरू की.