कासगंजःमनरेगा में मजदूरों की उपस्थिति के लिए नेशनल मोबाइल मानीटरिंग सिस्टम (एनएमएमएस) एप को अनिवार्य करने से प्रधान संघ नाराज है. जिसका असर कासंगज और बस्ती में भी देखने को मिला. दोनों जिलों में सोमवार को ग्राम प्रधानों ने प्रशासन और सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए ताली और थाली बजाकर अनोखा विरोध प्रदर्शन किया. ग्राम प्रधानों ने केंद्र सरकार के एनएमएमएस एप पर मनरेगा मजदूरों की उपस्थिति के आदेश को तत्काल वापस लिए जाने की मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की है.
कासगंज में सिढ़पुरा के ग्राम प्रधान संघ अध्यक्ष मंजीत सिंह राठौर ने बताया कि "ग्राम प्रधानों को जनता ने चुना है. लेकिन क्या प्रशासन और सरकार हमे भ्रष्ट समझती है. हमे हतोत्साहित करने के लिए मनरेगा योजना में भारत सरकार के ग्रामीण विकास विभाग द्वारा बीते 23 दिसंबर को यह आदेश दिया था कि कार्यस्थल पर ही नेशनल मोबाइल मानीटरिंग सिस्टम एप के माध्यम से दिन में दो बार मनरेगा मजदूरों को उपस्थिति प्रमाणित करना अनिवार्य होगा. जब कि अधिकांश गांवों में नेटवर्क की समस्या रहती है. इससे मजदूरों की उपस्थिति दर्ज नहीं हो पाती है. मस्टर रोल शून्य हो रहा है. इसके अलावा मनरेगा के मजदूरों की दिहाड़ी ₹213 प्रति दिन है. लेकिन, मजदूर इन दरों पर काम करने को तैयार नहीं है. मजदूरों का मानदेय 400 तक किया जाय'.