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आगरा में जापानी मियावाकी पद्धति से गांवों में छाएगी हरियाली, जानें पूरी प्लानिंग - जापानी मियावाकी पद्धति क्या है

जापान की मियावाकी पद्धति (japanese miyawaki method) के अनुसार आगरा के 695 गांवों में पौधारोपण होगा. इन पौधों की देखभाल मनरेगा मजदूर करेंगे. वहीं वन विभाग की ओर तकनीकी मदद दी जाएगी. इस संबंध ने डीएफओ अखिलेश पांडेय ने कुछ जानकारियां साझा की हैं.

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आगरा में जापानी मियावाकी पद्धति से गांव-गांव छाएगी हरियाली

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Published : Jun 23, 2022, 1:40 PM IST

आगरा: ताजनगरी में जापान की मियावाकी पद्धति (japanese miyawaki method) से गांवों में हरियाली लायी जाएगी. वन विभाग ने पहले मियावाकी पद्धति से ताज नेचर वॉक (पार्क) में पौधे लगाए. इसके बाद अब मानसून में जापानी मियावाकी पद्धति (japanese miyawaki method of plantation) से जिले में गांव-गांव पौधे लगाए जाएंगे. इसकी जिला प्रशासन और वन विभाग ने पूरी तैयारी की है. मियावाकी पद्धति से जिले के 695 गांवों में पौधरोपण किया जाएगा. मियावाकी पद्धति से जो पौधे लगाए जाएंगे, उसकी देखभाल मनरेगा मजदूर करेंगे. वन विभाग सिर्फ तकनीक मदद देगा.

जानकारी देते डीएफओ अखिलेश पांडेय

आगरा में यूपी सरकार के निर्देश पर इस बार 51 लाख पौधे लगाने की तैयारी है. इस बारे में योगी सरकार ने जिले के 26 विभागों के पौधरोपण के निर्देश दिए हैं. पौधरोपण के लिए वन विभाग ने अपनी 23 नर्सरी में 55 लाख पौधों की पौध तैयार की है. इन नर्सरी से ही खुद वन विभाग पौधरोपण करेगा और दूसरे 25 विभाग को भी पौधे देगा.

डीएफओ अखिलेश पांडेय ने बताया कि, जिले में 'आजादी के अमृत महोत्सव' के तहत गांवों में अमृत वन विकसित किए जाएंगे, जिसके तहत एक गांव में 75 पौधे लगाए जाएंगे. जिले में 150 'अमृत सरोवर' विकसित किए जा रहे हैं. हमारा प्रयास है कि, हर 'अमृत सरोवर' के पास ही 'अमृत वन' विकसित करने के लिए पौधे लगाए जाएंगे. इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है.

शहीदों की याद में लगाएंगे पौधे

डीएफओ अखिलेश पांडेय ने बताया कि, आजादी के अमृत महोत्सव के चलते हम शहीद और स्वतंत्रता सेनानी के नाम से भी पौधे लगाएंगे. इसकी पूरी तैयारी कर ली है. जिले के शहीद और स्वतंत्रता सैनानियों की सूची तैयार है. शहीद और स्वतंत्रता सैनानियों के परिजनों से भी बात की जा रही है, जिससे वे अपने घर के पास ही अपनों की याद में पौधा लगाएं. वन विभाग की ओर से उन्हें पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे, जिसकी देशभाल उन्हें खुद करनी होगी.

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15 ब्लॉक में 150 स्थान पर पौधरोपण

डीएफओ ने बताया कि, जिले में 15 ब्लॉक हैं. हर ब्लॉक में 10 से 15 स्थान पर मियावाकी प​द्धति से पौधरोपण किया जाएगा. इस तरह करीब 150 ​स्थानों पर ग्राम पंचायत और ग्राम विकास विभाग की ओर से मियावकी पद्धति से पौधरोपण किया जाएगा. वन विभाग की ओर से पौधे और तकीनीकि सहयोग दिया जाएगा. मियावाकी पद्धति से पौधरोपण के लिए स्टीमेंट बनवा दिए हैं. ग्राम पंचायत के तमाम अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी है. मानसून आते ही जिले में पौधरोपण किया जाएगा. इस पद्धति से तेजी से पौधे ग्रोथ करते हैं. जल्द ही हरियाली विकसित होती है.

मेट्रो में जो पौध कटे, उनकीजगह लगेंगे 23 हजार पौधे

आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट के चलते फतेहाबाद रोड समेत अन्य स्थानों पर सैकड़ों हरे पेड़ों पर आरी चली थी या चलने वाली है. सुप्रीम कोर्ट, एनजीटी, टीटीजेड के निर्देश पर काटे गए हरे पेड़ों के मुकाबले दस गुना से ज्यादा पौधे लगाए जाने हैं. इस बारे में डीएफओ अखिलेश पांडेय ने बताया कि, मेट्रो की ओर से वन विभाग को फतेहबाद तहसील के मुटावली गांव में 21 हेक्टेयर जमीन मिली है, जहां पर हम बाउंड्रीवॉल और चेन फेंसिंग करके पौधरोपण करेंगे. यहां पर हम करीब 23 हजार पौध लगाएंगे. यह हमारा बेहतर मॉडल होगा. जमीन भी वन विभाग के नाम हो गई है.

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मियावाकी पद्धति क्या है (what is the miyawaki method)?

जापान में वैज्ञानिक मियावकी ने वनीकरण की विशेष पद्धति बनाई थी, जो उनके नाम पर मियावकी पद्धति के नाम से प्रसिद्ध है. इसमें पौधों को कम दूरी पर लगाया जाता है. मगर, यह ध्यान रखा जाता है कि, पौधे को सूर्य का प्रकाश पर्याप्त मिले, जिससे वे तेजी से वृद्धि करें. मियावकी पद्धति में एक वर्गमीटर जमीन पर पौधों की 3 या 4 प्रजातियां एक साथ लगाई जाती हैं, जिसमें अधिक ऊंचाई वाले पौधे, मध्यम ऊंचाई वाले पौधे और कम ऊंचाई के पौधों को थोड़े-थोड़े दिन के अंतराल पर लगाया जाता है. इससे तेजी से और सघन वन बन जाता है.

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