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आगरा की जामा मस्जिद को लेकर एक और वाद दायर, मस्जिद की सीढ़ियां खुदवाने की मांग - ए शार्ट हिस्ट्री ऑफ औरंगजेब

आगरा की जामा मस्जिद का विवाद (Agra Jama Masjid Controversy) थमने का नाम नहीं ले रहा है. मथुरा कोर्ट से मामला अब हाई कोर्ट तक पहुंच गया. आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे श्रीकृष्ण के विग्रह दबे होने का न्यायालय में एक और याचिका दायर कर ली है.

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आगरा की जामा मस्जिद

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Published : Aug 3, 2023, 3:59 PM IST

आगरा: जिले की जामा मस्जिद का विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है. मथुरा कोर्ट से मामला अब हाई कोर्ट तक पहुंच गया है. आगरा जिला जज के पास पहले से ही वाद दायर है. अब गुरुवार को एक और संस्था ने जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे श्रीकृष्ण के विग्रह दबे होने का न्यायालय में एक और वाद दायर किया है. जिसमें जामा मजिस्द की सीढ़ियो के नीचे मथुरा के केशवदेव मंदिर को तोड़कर लाई गई मूर्तियों को दबाने की बात कही गई है. अदालत से मांग कि गई है कि जामा मस्जिद की सीढ़ियों को खुदवाकर उनके नीचे से भगवान श्रीकृष्ण के विग्रह और मूर्तियों को निकाला जाए.

अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने दी जानकारी.
बता दें कि आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे श्रीकृष्ण के विग्रह दबे हैं. जिसका लंबे समय से विवाद चल रहा है. प्रख्यात कथा वाचक देवकीनंदन महाराज की ओर से श्री कृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट ने 11 मई 2023 को सिविल जज प्रवर वर्ग अदालत में वाद दायर किया था. जिसमें तीन सुनवाई हो चुकी है. अब गुरुवार को श्री भगवान श्रीकृष्ण लला विराजमान की ओर से कौशल किशोर, ठाकुरजी उर्फ कौशल किशोर सिंह तोमर, योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट, क्षत्रिय शक्तिपीठ विकास ट्रस्ट, अजय प्रताप सिंह एडवोकेट अध्यक्ष योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा ट्रस्ट और अनंजय कुमार सिंह सदस्य योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ की ओर से सिविल जज प्रवर वर्ग के न्यायायल में वाद दायर किया है. अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि वाद में उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ और जामा मस्जिद प्रबंधन कमेटी आगरा को प्रतिवादी बनाया है. वाद को न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है. इस पर दोपहर दो बजे सुनवाई होगी. कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर का दावा है कि आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे श्रीकृष्ण भगवान की मूर्तियां हैं. मुगल आक्रांताओं ने सनातन धर्म और हिंदू संस्कृति को नुकसान पहुंचाया और अपमानित किया था. सन् 1670 में औरंगजेब ने मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर प्राचीन ठाकुर केशव देव मंदिर को तोड़कर उस स्थान पर मस्जिद बनवा दी थी. औरंगजेब ने केशव देव मंदिर की मूर्तियों को आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबा दिया था.

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सबसे अमीर शहजादी ने बनाई थी जामा मस्जिद:वरिष्ठ इतिहासकार राजकिशोर राजे बताते हैं कि मुगलकाल की सबसे अमीर शहजादी जहांआरा ने अपनी वजीफा की रकम से जामा मस्जिद का निर्माण कराया था. मुगल बादशाह शाहजहां की जहांआरा सबसे प्रिय बेटी थी. जहांआरा ने 1643 से 1648 के बीच जामा मस्जिद का निर्माण कराया था. जो 271 फीट लंबी और 270 फीट चौड़ी है. जिसमें करीब 5 लाख रुपये खर्च हुए थे. जामा मस्जिद लाल बलुआ पत्थर से बनी है.

इतिहासकारों की पुस्तकों में इसका जिक्र:राजकिशोर राजे बताते हैं कि मुगल बादशाह औरंगजेब ने 16 वीं शताब्दी के सातवें दशक में मथुरा के केशवदेव मंदिर को ध्वस्त कराया था. केशवदेव मंदिर की मूर्तियों को जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबाया था. इसका जिक्र तमाम इतिहासकारों ने अपनी पुस्तकों में किया है. सन 1940 में एसआर शर्मा ने 'भारत में मुगल साम्राज्य' नाम से किताब लिखी थी. औरंगजेब के सहायक रहे मुहम्मद साकी मुस्तइद्दखां ने अपनी पुस्तक 'मआसिर-ए-आलमगीरी' में फारसी भाषा में इस घटनाक्रम का उल्लेख किया है. भारत के मशहूर इतिहासकार जदुनाथ सरकार की पुस्तक 'ए शार्ट हिस्ट्री ऑफ औरंगजेब' में भी इस घटना का जिक्र मिलता है.


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