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Published : Apr 7, 2020, 6:13 AM IST

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झांसी: बंदियों को कोरोना से बचाने के लिए जेल प्रशासन बरत रहा सावधानी

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण झांसी स्थित जिला कारागार में जेल प्रशासन लगातार कार्यरत है. जेल में किसी भी बंदी को कोरोना न हो इसके लिए जेल प्रशासन खास तरह की सावधानी बरत रहा है.

jhansi district jail.
कारागार प्रशासन कर रहा कई कवायदें.

झांसीःकारागारों में भले ही लॉकडाउन के दौरान मुलाकात करने वालों के आने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई हो, लेकिन बंदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए जिला कारागर प्रशासन बेहद सतर्क और चौकन्ना है. यहां ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों और नए आने वाले बंदियों को लेकर खास तरह की सावधानी बरती जा रही है.

सभी बैरक किये जा रहे सैनिटाइज
कारागार में निर्धारित ड्यूटी करने वाले या बन्दी के रूप में आने वाले व्यक्ति के अलावा कोई भी अन्य व्यक्ति प्रवेश नहीं पा रहा है. गेट पर और सभी बैरकों के सामने सैनिटाइजर रखा गया है. सभी बैरकों को नियमित रूप से सैनिटाइज किया जा रहा है. वहीं बंदियों को नियमित रूप से साफ सफाई के लिए कारागार प्रशासन की ओर से प्रेरित किया जा रहा है.

बन्दी की थर्मल स्क्रीनिंग और स्वास्थ्य परीक्षण
किसी भी बन्दी या कर्मचारी में यह संक्रमण न फैले, इसके लिए जिला कारागार प्रशासन ने कई और कदम उठाए हैं. नए बन्दी के प्रवेश पर उसे अलग स्थान पर रखा जा रहा है. साथ ही कारागार में प्रवेश से पहले उसकी थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है. उसके स्वास्थ्य का पूरी तरह से परीक्षण करने के बाद उसे जिला कारागार में प्रवेश दिया जाता है.

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बन्दी किए गए रिहा
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश पर कोरोना वायरस के कारण कई बन्दी जिला कारागार से 30 और 31 मार्च को पैरोल पर रिहा किए गए हैं. पहले दिन 33 और दूसरे दिन 37 बन्दी जिला कारागार से अंतरिम जमानत पर छोड़े गए थे. सात साल से कम सजा पाने वाले मामलों के विचाराधीन कैदियों को जेल से भीड़ कम करने के मकसद से अंतरिम जमानत पर छोड़ा गया है. वहीं अन्य की सूची तैयार हो रही है, जिन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाना है.

पन्द्रह दिन नए बैरक में रहता है बन्दी
जिला कारागार के वरिष्ठ जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला ने बताया कि जेल में आने वाले नए बन्दी को चौदह-पन्द्रह दिन तक अलग बैरक में रखा जाता है. उसकी स्थिति सामान्य होने पर ही उसे अन्य बैरकों में शिफ्ट किया जाता है. बीमारी या संक्रमण की थोड़ी सी भी आशंका होने पर उसे तत्काल जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया जाता है.

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