आगरा : ताजमहल में भगवा को प्रवेश न मिलने के मामले में अब सियासत शुरू हो गई है. ताज में भगवा को प्रवेश न देने पर जगतगुरु परमहंस आचार्य अब सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे. जगतगुरु के शिष्य वृन्दावन परमहंस ने वीडियो जारी कर इसकी जानकारी दी है. वीडियो में जगतगुरु के शिष्य वृन्दावन परमहंस ने ताजमहल में एंट्री को लेकर सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन चाहता तो ताजमहल में भ्रमण करवा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अगर हमें ताजमहल में प्रवेश के नियम बताए जाते, तो हम उसका पालन जरूर करते.
गौरतलब है कि ताजमहल के तेजो महालय होने का दावा करने वाले तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य ने 5 मई को ताजमहल में प्रवेश करके शिव की प्राण प्रतिष्ठा करने का ऐलान किया था. ऐलान करने से पहले ही जगतगुरु परमहंस 4 मई को आगरा पहुंचे थे. आगरा पहुंचकर जब वह ताजमहल में भगवान शिव की प्राण प्रतिष्ठा करने जा रहे थे, तो उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. इस दौरान जगतगुरु की पुलिस से तीखी नोंकझोंक भी हुई थी.
बाद में पुलिस ने जगतगुरु परमहंस को हाउस अरेस्ट करके आगरा दिल्ली हाईवे पर कीठम में स्थित वन विभाग के गेस्ट हाउस में रखा था. जगतगुरु परमहंस आचार्य ने अपने हाउस अरेस्ट होने का वीडियो वायरल किया था. 5 मई की सुबह 10:30 बजे आगरा एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने जगतगुरु परमहंसाचार्य से मिलकर बातचीत की. इसके बाद पुलिस अभिरक्षा में जगदगुरु परमहंसाचार्य और उनके शिष्य को अयोध्या के लिए रवाना कर दिया गया था. पुलिस अभिक्षा में अयोध्या भेजे जाने के दौरान जगतगुरु ने पुलिस पर अभद्रता करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वह अयोध्या पहुंचकर आगे के अनशन और आंदोलन की रणनीति बनाएंगे.
ये है पूरा मामला :
अयोध्या से 26 अप्रैल 2022 को जगद्गुरु परमहंस आचार्य आगरा आए थे. जगदगुरु परमहंस आचार्य जब ताजमहल देखने पश्चिमी गेट पहुंचे, तो वहां तैनात सीआईएसएफ(CISF) के जवानों ने उन्हें भगवा वस्त्र और ब्रह्मदंड के कारण रोक दिया. रोके जाने के कारण परमहंस ताज का दीदार नहीं सके. इसके बाद आगरा में हिंदुवादी संगठनों ने हंगामा किया. मामला तूल पकड़ने पर एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल ने पूरे मामले की जांच कराई.
ये है जगदगुरु परमहंसाचार्य का दावा :जगदगुरु परमहंसाचार्य का दावा है कि मौजूदा समय में जहां ताजमहल है. उस स्थान पर भगवान शिव की पिंडी दबी हुई है. ताजमहल का असली नाम तेजोमहालय है. उनका कहना है कि, विधर्मी मुगलों ने तेजोमहालय को ताजमहल कहना शुरू किया था.