आगरा: इंटरनेशनल क्रिकेट (international cricket) के फलक पर ताजनगरी के दीपक चाहर (deepak chahar) ने नई इबादत लिख दी. दीपक चाहर ने बांग्लादेश के खिलाफ टी-20 सीरीज के अंतिम मैच में 7 रन देकर 6 विकेट झटके, जो एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है. दीपक की स्विंग होती गेंदबाजी के सभी कायल हैं, फिर चाहे पूर्व कप्तान एमएस धोनी हों या फिर लिटिल मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर.
लोकेंद्र चाहर आगरा के रहने वाले हैं. बिचपुरी के पास उनकी क्रिकेट एकेडमी है. लोकेंद्र चाहर एयरफोर्स से रिटायर है. उनके एक बेटी और एक बेटा है. उनकी बड़ी बेटी मालती चाहर मॉडल है. बेटा दीपक चाहर, जो इंटरनेशनल क्रिकेटर है. दीपक के रोल मॉडल बॉलर डेल स्टेन हैं. मैलकम मार्शल की बॉलिंग भी दीपक को बहुत प्रभावित करती है.
गेंदबाजी करने की रिदम में दिखा इंटरनेशनल क्रिकेट
लोकेंद्र चाहर का कहना है कि जब दीपक 12 साल का था तो एक दिन मैंने उसे क्रिकेट खेलते देखा. वह बड़े ही रिदम से गेंदबाजी कर रहा था. लय भी सही थी. इस पर मुझे लगा कि जो बच्चा इतनी छोटी उम्र में बड़े रिदम से गेंदबाजी कर रहा है. वह आगे चलकर बड़ा क्रिकेटर बन सकता है. बस उस पर मेहनत करने की जरूरत है, जो मैंने की.
धोनी ने परखी उसकी काबिलियत
लोकेंद्र चाहर ने बताया कि बेटे दीपक की काबिलियत उसकी मेहनत और ट्रेनिंग से बनी है. इस काबिलियत को मंच देने का काम इंडियन टीम के पूर्व कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी ने दिया. आईपीएल में जब उन्होंने दीपक को देखा और उसकी बॉलिंग को देखकर उस पर विश्वास जताया. यही वजह है कि आज दीपक अच्छा इन स्विंगर, आउट स्विंगर के साथ भी अन्य तमाम वैरायटी की बॉलिंग कर सकता है.
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मैच की सिचुएशन देखकर करता है बॉलिंग
लोकेंद्र चाहर का कहना है कि दीपक जब 12 साल का था तो ज्यादा तेज बॉल डाल नहीं सकता था. इसलिए हमने इस पर जोर नहीं दिया. हमने बॉल को स्विंग कराने पर जोर दिया. जब वह आउट स्विंग और इन स्विंग करने लगा. यह कई साल तक चला. जब दीपक दोनों तरफ की स्विंग कराने लगा. तब फिर उसकी स्पीड पर ध्यान दिया और उसके स्पीड आज 140, 141 और 143 किलोमीटर/घंटा तक पहुंच जाती है. तीसरी बात यह आई कि कब? कैसे? और कौन सी ? बॉल किस बल्लेबाज को डालनी है? इस पर काम किया. यही वजह है कि दीपक अब बल्लेबाजों को रीड भी अच्छी तरह से कर लेता है और उनके हिसाब से बॉलिंग करता है. मैच की सिचुएशन भी समझता है और फिर अपनी बॉलिंग भी उसी तरह से करता है. उसकी बॉलिंग में वैरायटी भी है. इतना सब कुछ होने के बाद उसे सफलता तो मिलनी ही थी, लेकिन देर से मिली. खैर देर आए दुरुस्त आए.
ऐसे ही प्रदर्शन करेगा तो जरूर टी-20 वर्ल्ड कप खेलेगा
लोकेंद्र चाहर का कहना है कि सबसे अहम है कंसिस्टेंसी है. दीपक को अपने खेल में इसी तरह से प्रदर्शन करना होगा. वह इसी तरह से प्रदर्शन करेगा तो जाहिर सी बात है कि अगले साल होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप में भी जरूर खेलेगा.