आगराःफुटवियर मैन्युफेक्चरर्स एंड एक्सपाेर्टर्स चेंबर (FMAKE) के इंटरनेशनल फेयर 'मीट एट आगरा' (Meet at Agra) का रविवार देर शाम समापन हो गया. तीन दिन आगरा-दिल्ली हाईवे पर गांव सिंगना स्थित आगरा ट्रेड सेंटर पर शूज कारोबारी नई-नई तकनीक से रूबरू हुए. मीट एट आगरा से भारत में 20 हजार करोड़ के शूज कारोबार की नींव रखी गई. अगले साल 2023 में मीट एट आगरा का आयोजन 20, 21 और 22 अक्टूबर को होगा.
एफमेक (FMAKE) अध्यक्ष पूरन डावर ने बताया कि इंटरनेशनल शूज फेयर से सप्लाई चैन मजबूत होती है. दुनिया के अन्य फेयर की तुलना में ये फेयर कई मायने में खास है. यहां पर विश्व के 45 देशों की एग्जीबिटर्स की भागीदारी बेहद अहम है. इंटरनेशनल फेयर समापन समारोह में इस साल बेस्ट स्टॉल धारकों को सम्मानित किया गया.
बता दें कि 'मीट एट आगरा' इंटरनेशनल शूज फेयर के एग्जिबिशन हॉल में लगी स्टॉल्स पर नई-नई मशीनें से जूता कारोबार से जुड़े लोग रूबरू हुए. जूता कारोबारी और एफमेक से जुड़े शूज कारोबारियों का मानना है कि, यह आयोजन आज भारत के जूता कारोबारियों की जरुरत बन गया uw.
एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर का कहना है कि तेजी से बढ़ते तकनीकी युग में जूता कारोबार में क्रांतिकारी परिवर्तन आए हैं. फुटवियर मैटेरियल की बात करें तो आज जूता केवल लेदर तक सीमित नहीं है. कई प्रकार के मेटेरियल से बने फुटवियर आज प्रचलन में हैं. वहीं, आधुनिक मशीनरी ने इसमें कई तरह के रचनात्मक बदलाव किए हैं. आज हजारों किस्म की डिजाइन फुटवियर को आकर्षक बना रही हैं.
उम्मीद से कई गुना अधिक रहारिस्पांस
एफमेक उपाध्यक्ष राजेश सहगल का कहना है कि, मीट एट आगरा कोरोना महामारी के चलते दो साल बाद आयोजित हुई है. उम्मीद से कई गुना अधिक इसको इंडस्ट्री का सपोर्ट मिला है. लोगों में इसके आयोजन की तरीखों की घोषणा करते ही जिस प्रकार का उत्साह देखने को मिला था वह यह समझने के लिए पर्याप्त है कि, मीट एट आगरा आज देश के जूता निर्यातकों की आवश्यकता बन गया है.