आगरा: कोरोना ने जाने कितने बच्चों के सिर से अपनों का साया छीन लिया. उन्हीं में से एक आगरा के फतेहाबाद के रहने वाले रितिका राज और राघवेंद्र राज भी हैं. कोविड की वजह से दोनों बच्चों के सिर से पहले दादा-दादी का साया उठ गया, उसके कुछ दिन बाद इन बच्चों के सिर से पिता का भी साया उठ गया. घर में तीन मौतें होने से मां भी अवसाद में चली गई है. वहीं, बच्चों का भी रो-रोकर बुरा हाल है. बच्चों की ऐसी हालत देख कर बुआ और फूफा बच्चों को आगरा ले आए. इसके बाद बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और उनके भविष्य को लेकर चिंतित बुआ-फूफा ने शनिवार को थाना हरी पर्वत के इंस्पेक्टर अरविंद कुमार को सारी बात बताई. बच्चों की दर्द भरी कहानी सुनने के बाद इंस्पेक्टर अरविंद कुमार की आंखे भर आईं. बच्चों का भविष्य खराब न हो उसके लिए इंस्पेक्टर ने बच्चों का एडमिशन गायत्री पब्लिक स्कूल में कराया है.
12वीं तक नि:शुल्क पढ़ेंगे बच्चे
रितिका राज और उसका छोटा भाई राघवेंद्र राज के पिता बाटा शू कंपनी में इंजीनियर थे. लेकिन कोरोना की वजह से उनकी असमय मौत हो गई. घर में एकमात्र कमाने वाले पिता के चले जाने से बच्चों की पढ़ाई लिखाई का खर्चा उठाना भी मुश्किल हो रहा था. रितिका कक्षा 6 में उसका छोटा भाई कक्षा 4 में हैं. बच्चों की स्थिति देख इंस्पेक्टर अरविंद कुमार ने गायत्री स्कूल के प्रबंधक प्रद्युम्न चतुर्वेदी को सारी बातें बताई और दोनों बच्चों को 12वीं कक्षा तक नि:शुल्क पढ़ाने की बात कही.
हरी पर्वत इंस्पेक्टर अरविंद कुमार ने बताया शनिवार शाम को बच्चों की बुआ और फूफा थाने आए थे. उन्होंने अपनी दर्द भरी दास्तां सुनाई, जिसे सुनने के बाद मेरी भी आंखें भर आईं. बच्चों के लिए कुछ करने का मन किया सोचा बच्चों का भविष्य खराब न हो इसलिए बच्चों का एडमिशन गायत्री पब्लिक स्कूल में करा दिया है. बच्चे यहां 12वीं क्लास तक नि:शुल्क पढ़ाई कर सकेंगे.