उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

EXCLUSIVE: धुव्र बन गया इंडिया 'अंडर-19' क्रिेकेट का कप्तान, पापा चाहते थे आर्मी अफसर बनाना

BCCI ने हाल ही में अंडर 19 एशिया कप क्रिकेट के लिए भारतीय टीम का एलान किया है. आगरा के धुव्र जुरैल को टीम का कप्तान बनाया गया है. महज पांच महीने में ही राष्ट्रीय टीम की कप्तानी संभालने वाले धुव्र के क्रिकेटर बनने की कहानी बेहद दिलचस्प रही है. इसी कहानी को जानने के लिए ईटीवी भारत ने धुव्र के परिवार से खास बातचीत की.

इंडिया अंडर-19 क्रिकेट टीम के कप्तान बने धुव्र जुरैल.

By

Published : Jul 31, 2019, 12:52 PM IST

आगरा:सेना से रिटायर हवलदार पिता नेम सिंह अपने बेटे ध्रुव को सेना में अफसर बनाने का सपने देखते थे. इसी लिहाज से उन्होंने धुव्र की परवरिश की, लेकिन गर्मी की छुट्टियों में शौकिया तौर पर खेलने वाले ध्रुव को नौ साल की उम्र में क्रिकेट का चस्का चढ़ गया. जब लोगों ने उसका खेल देखा तो उसे प्रमोट करना शुरू कर दिया.

पिता नेम सिंह उसे एकलव्य स्टेडियम लेकर गए. यहां से ध्रुव के क्रिकेटर बनने की राह शुरू हुई. क्रिकेट एकेडमी ज्वॉइन करने के बाद ध्रुव ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा. मां और पिता जिस धुव्र को सेना में अफसर बनाना चाहते थे आज वह ताजनगरी में क्रिकेट का ध्रुव तारा है. हाल ही में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने धुव्र को एशिया कप के लिए अंडर-19 क्रिकेट टीम की कप्तानी सौंपी है. ईटीवी भारत ने ध्रुव के पिता नेम सिंह, मां रजनी और बड़ी बहन नीरू से खास बातचीत की.

इंडिया अंडर-19 क्रिकेट टीम के कप्तान बने धुव्र जुरैल.
करगिल युद्ध के जाबांज पिता का बेटा 'धुव्र'
मूल रूप से आगरा के खंदौली स्थित पेंती खेड़ा बुर्ज निवासी नेम सिंह जुरैल सेना से रिटायर्ड हवलदार हैं. नेम सिंह करगिल युद्ध में शामिल हुए थे. नेम सिंह का कहना है कि वह ध्रुव जुरैल को सेना में अफसर बनाना चाहते थे इसलिए एनडीए की तैयारी पर जोर दे रहा था. उसे सैनिक स्कूल में पढ़ाया. वह पढ़ाई में भी तेज था लेकिन गर्मियों की छुट्टी में उसने क्रिकेट खेलना शुरू किया तो फिर लोगों ने उसका खेल देखकर उसे प्रोत्साहित किया. इसके बाद उसे एकलव्य स्टेडियम ले गए, जहां कोच परमेंद्र यादव की सलाहियत में धुव्र क्रिकेट का ककहरा सीखने लगा. क्रिकेट के चलते ध्रुव के मार्क्स 90% से 70% पर आ गए. इस पर मुझे थोड़ा सा खराब लगा, लेकिन बेटा क्रिकेट में बेहतर प्रदर्शन कर रहा था, इसलिए उसे प्रोत्साहित किया. आज उसे एशिया कप के लिए अंडर-19 टीम का कप्तान बनाया गया है. मुझे बहुत खुशी है. जिस तरह से हमने बॉर्डर पर रहकर देश की सेवा की, वैसे ही वह क्रिकेट खेल कर देश की सेवा कर रहा है.

मां का 'धोनी'
ध्रुव की मां रजनी का कहती हैं कि उसके खेल को देखकर उसे क्रिकेट में प्रोत्साहित किया. वह बहुत अच्छा खेल रहा है. हमें लग रहा है कि वह धोनी जैसा ही खेलेगा. वह धोनी ही बनना चाहता है. मैं बहुत खुश हूं कि मेरा बेटा अंडर-19 टीम का कप्तान बना है.

बहन का 'माही'
ध्रुव जुरैल की बड़ी बहन नीरू का कहना है कि ध्रुव की सोच बिल्कुल अलग है. वह घर पर ज्यादा क्रिकेट को लेकर बात नहीं करता है लेकिन मैदान पर बहुत अच्छा खेलता है. उसके अंदर माही की तरह ही लीडरशिप के सारे गुण मौजूद हैं. वह धोनी को अपना आइडियल मानता है और खेलता भी बिल्कुल धोनी की तरह ही है.

5 माह में कप्तान बन गए 'ध्रुव'
ध्रुव जुरैल ने यूपी अंडर-19 टीम में एक दिवसीय और चार दिवसीय मैचों में शानदार प्रदर्शन किया था. पूरे सीजन के दौरान धुव्र ने सबसे ज्यादा रन बनाए और शतक लगाने के मामले में भी सबसे आगे रहे. इसके अलावा विकेट के पीछे भी ध्रुव ने 50 से ज्यादा बल्लेबाजों के कैच लपके. इसके बाद धुव्र को अंडर-19 चैलेंजर ट्रॉफी के लिए इंडिया ब्लू टीम में चुना गया. इसी साल ध्रुव का चयन अंडर-19 के लिए दक्षिण अफ्रीका सहित एक अन्य टीम के साथ भारत की सीरीज के लिए हुआ. ध्रुव का पहली बार अंडर-19 टीम में मार्च 2019 में चयन हुआ था. 5 महीने में अपनी मेहनत और बेहतरीन खेल से ध्रुव ने टीम में न सिर्फ जगह पक्की की बल्कि टीम के कप्तान भी बन गए. हाल ही में धुव्र को बीसीसीआई ने एशिया कप के लिए टीम का कप्तान बनाया है.

कोच ने बनाया विकेटकीपर बल्लेबाज
9 साल की उम्र में ध्रुव ने क्रिकेट खेलना शुरू किया. पिता नेम सिंह के साथ ध्रुव क्रिकेट एकेडमी के कोच परमेंद्र यादव के घर पहुंचे और क्रिकेट खेलने की इच्छा जाहिर की. तभी से वह नियमित प्रैक्टिस करने लगे. परमेंद्र यादव ने ध्रुव को विकेटकीपर बल्लेबाज बनाने के लिए प्रेरित किया.

डूंगरपुर ट्रॉफी के फाइनल में खेली 137 रन की पारी
2014 में अंडर-14 के डूंगरपुर ट्रॉफी के लिए उत्तर प्रदेश की टीम में ध्रुव को जगह मिली. यूपी की ओर से खेलते हुए ट्रॉफी के फाइनल में ध्रुव ने 137 रनों की शानदार पारी खेली, जिससे यूपी चैंपियन बनी. ध्रुव ने मेहनत से क्रिकेट की पिच पर कदम बढ़ाने शुरू किए. लगन और कड़ी मेहनत के दम पर साल 2016 में विजय मर्चेंट ट्रॉफी के लिए ध्रुव यूपी टीम में चुने गए और वहां भी ध्रुव ने शानदार प्रदर्शन किया. इसके बाद साल 2018 में यूपी के अंडर-19 टीम के संभावितों में ध्रुव को जगह मिली और कैंप में हिस्सा लिया.

वन-डे और चार दिवसीय अंडर-19 चैंपियन में शानदार प्रदर्शन
ध्रुव ने 22 पारियों में 1010 रन ठोके हैं. इसमें 3 शतक और 2 अर्धशतक शामिल हैं. ध्रुव ने विकेट के पीछे भी 55 बल्लेबाजों को पवेलियन वापस लौटाया. इसके साथ ही 3 रन आउट और 5 स्टंपिंग भी की हैं.

अभी त्रिकोणीय सीरीज में व्यस्त हैं 'ध्रुव'
ध्रुव जुरैल अभी इंग्लैंड में हैं. वह बांग्लादेश और इंग्लैंड के साथ चल रही त्रिकोणीय श्रृंखला खेल रहे हैं. इस सीरीज में अभी तक ध्रुव ने नाबाद 52, 37 और 49 रन की पारी खेली है. इसके अलावा विकेट के पीछे भी शानदार प्रदर्शन किया है. इसी को देखते हुए बीसीसीआई ने ध्रुव को एशिया कप के लिए अंडर-19 टीम का कप्तान बनाया है. एशिया कप ध्रुव की पहली अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details